कश्मीर पर बढ़ते तनावों के बीच भारत व पाकिस्तान के अधिकारियों ने शुक्रवार को सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर के चौथे चरण के तकनीकी मुद्दों पर वार्ता की. संभावना है कि करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव की नवंबर में पड़ रही 550वीं जयंती पर खोल दिया जाएगा. इस बैठक का आयोजन भारतीय पंजाब के इस सीमावर्ती शहर के निकट डेरा बाबा गुरु नानक जीरो प्वाइंट पर हुआ.
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इस बैठक में दोनों तरफ के अधिकारियों ने भाग लिया. इसमें 4.2 किमी कॉरिडोर के एलाइन्मेंट के तौर-तरीकों पर चर्चा हुई. यह कॉरिडोर भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक धर्मस्थल से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को जोड़ेगा. वार्ता में भाग लेने वाले एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने निर्माण कार्य के नवंबर तक पूरा किए जाने का भरोसा दिया.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है. दो घंटे तक चली चर्चा में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पंजाब सरकार व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने भाग लिया और सीमा के दोनों तरफ चल रही तैयारियों के बारे में बताया.
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की तरफ चल रहे निर्माण का विवरण साझा किया गया. भारत ने 15,000 तीर्थयात्रियों को संभालने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण की विशेष प्रक्रियाओं का विवरण साझा किया. निर्माण कार्य के जयंती समारोह शुरू होने के एक हफ्ते पहले 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.
अधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चार-लेन हाईवे से लेकर क्रॉसिंग प्वाइंट कार्य संतोषजनक रूप से चल रहा है. कॉरिडोर का बड़ा भाग पाकिस्तान के क्षेत्र में पड़ता है.