पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि उनके पिता को जिस नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया, वह सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है. संवाददाताओं से बातचीत में कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कथित कृत्य 2008 में हुआ और उसमें अब तक कोई आरोप नहीं है. उन्होंने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनसे की गई पूछताछ को याद करते हुए कहा कि सीबीआई ने उन्हें कई बार बुलाया और हर बार करीब 10 घंटे जांच एजेंसी के दफ्तर में पूछताछ की गई. उन्होंने कहा, "लेकिन आज तक कोई आरोपपत्र नहीं है, जिसका मतलब है कि कोई केस नहीं है."
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि गिरफ्तारी सरकार में किसी को संतुष्ट करने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि गंभीर मसलों से देश का ध्यान भटकाने के लिए यह गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद उनके पिता मंगलवार रात से फरार थे. सुप्रीम कोर्ट से भी उनको कोई राहत नहीं मिली. इससे पहले कार्ति ने ट्वीट के जरिए कहा कि जांच एजेंसियों ने कुछ लोगों के आनंद के लिए मनोरंजक ड्रामा रचा. कार्ति ने यह बात आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के सिलसिले में कही. उन्होंने चिदंबरम की मदद करने के लिए कांग्रेस पार्टी का आभार जताया.
उन्होंने ट्वीट में कहा, "ड्रामा और दृश्य एजेंसियों द्वारा घटना को सनसनीखेज बनाने और कुछ रतिक लोगों के आनंद के लिए रचे गए." कार्ति ने यह बात चिदंबरम को गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों द्वारा उनके जोरबाग स्थित आवास की चारदीवारी फांदने के संबंध में कही. उन्होंने कहा, "मैं मदद के लिए आईएनसी इंडिया (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस), श्री राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का आभारी हूं. और हमारे साथ शुरू से ही खड़े रहने के लिए कपिल सिब्बल, एएम सिंघवी, सलमान खुर्शीद का हमेशा आभारी हूं."
उन्होंने कहा, "मेरी तलाशी चार बार ली गई और 20 से अधिक समन पर हाजिर हुआ. हर सत्र कम से कम 10 से 12 घंटे का था. 12 दिनों तक सीबीआई का मेहमान बना रहा. फिर भी उस घटना में कोई चार्जशीट नहीं है, जो 2008 में घटी और उसमें 2017 में एफआईआर दर्ज की गई. कोई मामला नहीं है."
Source : आईएनएस