करुणानिधि को हिंदू होने के बावजूद क्यों दफनाया जा रहा है, जानें यहां

तमिलनाडु की राजनीति के सुपरस्टार और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि को मद्रास हाई कोर्ट ने मरीना बीच पर ही दफनाने की अनुमति दे दी है।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
करुणानिधि को हिंदू होने के बावजूद क्यों दफनाया जा रहा है, जानें यहां

जानें हिंदू होने के बावजूद क्यों दफनाए जा रहे हैं करुणानिधि

Advertisment

तमिलनाडु की राजनीति के सुपरस्टार और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि को मद्रास हाई कोर्ट ने मरीना बीच पर ही दफनाने की अनुमति दे दी है। इस दौरान कई लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिरकार एक हिंदू नेता होने के बावजूद करुणानिधि को दफन क्यों किया जा रहा है, जलाया क्यों नहीं जा रहा? इस सवाल का जवाब है उनका द्रविड़ आंदोलन से जुड़े होना।

करीब 70 साल से पहले दक्षिण भारत में शुरु हुए बड़े द्रविड़ आंदोलन से जुड़े ज्यादातर नेताओं को दफनाया ही गया था। इसमें द्रविड़ आंदोलन के सबसे बड़े नेता पेरियार, डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई, एमजी रामचंद्रन या फिर जयललिता का नाम शामिल है। इन सभी नेताओं को मरीना बीच पर दफनाया गया है।

सियासी मायनों में भी तमिलनाडु में नेता दफनाए जाने के बाद अपने समर्थकों के बीच एक स्मारक के तौर पर हमेशा मौजूद रहते हैं। इसलिए करुणानिधि की समाधि उनके समर्थकों के बीच एक राजनीतिक प्रतीक बन जाएगी।

क्या है द्रविड़ आंदोलन?

द्रविड़ आंदोलन की शुरुआत धार्मिक विश्‍वासों, ब्राह्मणवादी सोच और हिंदू कुरीतियों पर प्रहार करने के लिए हुई थी। द्रविड़ आंदोलन के जनक के रूप में तमिलनाडु के महान समाज सुधारक ईवीके रामास्‍वामी 'पेरियार' को माना जाता है। उन्होंने आजीवन ब्राह्मणवादी सोच और हिंदू कुरीतियों पर जमकर प्रहार किया। यहां तक कि मनुस्मृति जैसे हिंदू धर्मग्रंथों को जलाया भी।

यही वजह है कि द्रविड़ों के प्रति संवेदना रखने वाले राजनेताओं के निधन के बाद उन्हें ब्राह्मणवाद और हिंदू परंपरा के विरुद्ध दफनाया गया। यह परंपरा तमिलनाडु में बाह्मणवादी परंपरा के विरुद्ध लंबे समय से चली आ रही है।

Source : News Nation Bureau

Karunanidhi karunanidhi funeral kalaignar buried against Hindu rituals
Advertisment
Advertisment
Advertisment