फिल्म कश्मीर फाइल्स का मुद्दा अभी थमा भी नहीं कि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास से जुड़ा एक निजी विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया. इस विधेयक में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि कश्मीरी पंडितों को फिर से घाटी में बसाने के लिए सरकार एक एडवाइजरी कमेटी का गठन करें, जिसमें महिलाओं की संख्या 50 फ़ीसदी हो. इसके साथ ही पुनर्वास के लिए एकमुश्त वित्तीय मदद भी मुहैया करवाई जाए. जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 5 हजार रुपये और परिवार को अधिकतम 20 हजार रुपये की मदद मुहैया करवाई जाए. इस राशि को प्रत्येक 3 साल में समीक्षा करने का प्रावधान भी किया जाए.
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास से संबंधित विधायक देश के जाने-माने वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने राज्यसभा में पेश किया. विवेक तंखा ने केंद्र सरकार से इस विधेयक पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की है. बिल में कश्मीरी पंडितों के मूल निवासी नियमों को भी सरल करने की बात की गई है.
विवेक तंखा ने बिल में कहा है कि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए सुरक्षा और जरूरी सुविधाएं दी जाए. घाटी में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए, क्योंकि कश्मीरी पंडितों के साथ जो अत्याचार हुआ है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है. वहीं, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए एक टास्क फोर्स बनाने और प्रत्येक परिवार के लिए एक बंदूक का लाइसेंस भी देने की मांग भी रखी. उनके पुनर्वास के लिए करीब दस हजार कश्मीरी पंडितों को तुंरत सरकारी नौकरी देने की भी बात की गई है.
Source : MOHIT RAJ DUBEY