कठुआ रेप और मर्डर केस में अभी तक 5 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं. 2 आरोपियों पर फैसला आना बाकी है. मुख्य आरोपी सांझीराम, दीपक, प्रवेश, तिलकराज, सुरेंद्र वर्मा को कोर्ट ने दोषी माना है. विशाल को बेनिफिट ऑफ डाउट का लाभ मिला है. कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के बाद देश स्तब्ध रह गया था. अदालत ने तीन जून को सुनवाई पूरी की थी. जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने 10 जून को फैसला सुनाने की बात कही थी.
बच्ची को अगवा कर दिया था रेप को अंजाम
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक बकरवाल खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था. उसका शव एक सप्ताह बाद जंगल से बरामद किया गया. जांच से पता चला था कि हत्या से पहले उसके साथ आठ लोगों ने कई बार रेप किया था. बच्ची को उस समय अगवा किया गया था जब वो अपने घोड़े को चराने गई हुई थी.
रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया था कि बच्ची को अगवा कर के मंदिर के देवीस्थान में नशीली पदार्थ पिलाकर रखा गया था. इसके बाद कई बार बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था.
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इस मामले में क्राइम ब्रांच ने सांजी राम, उसके बेटे विशाल, उसका एक नाबालिग़ भतीजा, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया उर्फ 'दीपू' और सुरेंद्र वर्मा और दोस्त परेश कुमार उर्फ मन्नू को गिरफ्तार किया गया था.
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को दाखिल चार्जशीट में इन सभी का नाम है. वहीं इस मामले में 15 पन्नों की चार्जशीट दायर हुई थी. नवंबर 2018 में पठानकोट के सेशन जज तेजविंदर सिंह ने गवार अजय कुमार उर्फ अज्जू को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अजय कुमार पर झूठी गवाही का आरोप था.
पीड़ित परिवार ने लिया था वकील दीपिका को हटाने का फैसला
वहीं नवंबर 2018 में पीड़ित परिवार ने वकील दीपिका सिंह राजावत को हटा दिया था. कठुआ पीड़िता के पिता ने कहा कि दीपिका अदालत में सुनवाई के दौरान बमुश्किल ही उपलब्ध होती हैं. परिवार के एक करीबी ने कहा कि पीड़िता के पिता ने पंजाब की पठानकोट अदालत में आवेदन दाखिल किया है, जहां मामले को स्थानांतरित किया गया था. आवेदन में कहा गया था कि रजावत उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी और उनसे वकालतनामा वापस लिया जा रहा है.
वहीं उनका ये भी कहना था कि इस केस में 100 बार सुनवाई हो चुकी है और सुनवाई के दौरान करीब 100 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन रजावत परिवार की ओर से केवल दो बार ही पेश हुई हैं.
वहीं रजावत ने मीडिया को बताया था कि जब से वह मामले से जुड़ी हैं तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. घुमंतू परिवार की मामले में अगुवाई करने की घोषणा के बाद रजावत ने अखबारों की सुर्खियां बटोरी थीं.
बीजेपी के मंत्रियों ने लगाए थे आरोपियों के समर्थन में नारे
कठुआ मामले की सच्चाई सामने आने के बाद पूरे देश में रोष उत्पन्न हो गया था. वहीं क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तारक आरोपियों के खिलाफ राज्य में हिंदू एकता मंच ने रैली निकाली थी. जिसके बाद इस रैली में शामिल होने के लिए बीजेपी ने अपने दो मंत्रियों को बर्खास्त भी कर दिया था.
कठुआ गैंगरेप मामले में पुलिस की चार्जशीट सामने आने के बाद प्रदेश में माहौल तनावग्रस्त हो गया था. जिसके बाद कुछ वकीलों ने चार्जशीट पर सवाल खड़ा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.
Source : News Nation Bureau