जम्मू-कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में केस के नाबालिग आरोपी को अदालत से झटका लगा है। पठानकोट की निचली अदालत ने आरोपी को बालिग करार कर केस चलाने का फैसला किया है।
गुरुवार को जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने आरोपी परवेश कुमार को बाकी सात आरोपियों के साथ ही कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
बता दें कि अदालत ने यह फैसला मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी की उम्र 20-21 साल के बीच बताने के बाद दिया है।
गौरतलब है कि आरोपी के बचाव पक्ष ने परवेश की उम्र 18 से कम बताते हुए उस पर नाबालिग के तहत केस चलाने की मांग की थी जिस पर आपत्ति जताते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने अदालत से उसकी सही उम्र पता लगाने के लिए मेडिकल जांच की मांग की थी।
जिसके बाद 12 जून को अदालत ने राज्य सरकार को बोर्ड का गठन कर मेडीकल जांच की अनुमति दे दी। सोमवार को बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट जमा की।
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वहीं बचाव पक्ष ने सबूत के तौर पर पेश किए गए दसवीं के सर्टिफिकेट को ही सही सबूत मानने की मांग करते हुए वेरिफिकेशन की मांग की। लेकिन कोर्ट ने अपील को ठुकराते हुए कहा जब मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट दे चुका है तो और किसी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है।
इससे पहले बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि निचली अदालत के 12 जून के फैसले को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की चार्जशीट के अनुसार 10 जनवरी को अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची का अपहरण कर कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंदी बनाकर उसका रेप कर उसकी हत्या कर दी गई।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच रिपोर्ट पर अंदेशा जताते हुए राज्य भर में प्रदर्शनों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को ट्रायल को पठानकोट ट्रांसफर कर दिया था। जिसके बाद 31 मई से पठानकोट में सुनवाई शुरू हुई है।
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Source : News Nation Bureau