केरल में शुक्रवार और शनिवार को बारिश में कमी के बाद अब सरकार ने सूबे के सभी 14 जिलों से रेड अलर्ट हटा लिया गया है। 9 अगस्त के बाद यह पहला मौका है, जब रेड अलर्ट हटाया गया है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक एर्नाकुलम, पथनमथिट्टा और अलप्पुझा जिले के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। केरल में बाढ़, बारिश और भूस्खलन से आम जनजीवन पर बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए भारतीय सेना और नौसेना ने राहत और कार्य के लिए चलाए जा रहे संयुक्त 'ऑपरेशन मदद' को और तेज कर दिया है।
दक्षिणी नौसेना कमान ( Southern Naval Command) ने राहत और बचाव कार्यों में जुटे पश्चिमी नौसेना कमांड और भारतीय नौसेना के लिए संसाधनों को बढ़ा दिया है। ऑपरेशन मदद के दसवें दिन 18 अगस्त को तैनात डाइविंग टीमों की कुल संख्या 72 है, जिन्हे कई अलग स्थानों पर भेजा गया।
इससे पहले से आठ नई शामिल टीमों को शामिल कर विभिन्न स्थानों पर भेजा गया था। अलग-अलग इमारतों और छतों पर फंसे हजारों लोगों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। इनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को एयरलिफ्ट किया गया।
गौरतलब है की केरल में इस प्राकृतिक त्रासदी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 357 हो गई है। अकेले शनिवार को ही 33 लोगों की मौत हो गई। कुछ जगहों पर अब भी बारिश हो रही है।
राहत और बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार और तमाम एजेंसियां भी सक्रिय हैं। एक अनुमान के अनुसार राज्य को अब तक कुल 21,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
इससे पहले शनिवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अहम बैठक की। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के रिश्तेदारों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की। केरल के लोगों की मदद के लिए राज्यों की ओर से भी मदद की घोषणाएं की गई हैं।
NDRF ने कहा है कि उसने अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान शुरू किया है। भारी बारिश वाले एर्नाकुलम जिले में 54,000 से ज्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। कोच्चि के पास श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी कैंपस में एक इमारत में दो दिनों से फंसे 600 से ज्यादा छात्रों को बाहर निकाल लिया गया।
र्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शनिवार को बाढ़ पीड़ित कोडागु जिले का दौरा किया, जहां भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन के कारण करीब 1500 लोगो विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कम से कम 1500 लोग राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे है, लेकिन बचाव दल उन तक खराब मौसम और भूस्खलन के कारण पहुंच नहीं पा रहा है। उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं और राज्य अधिकारियों के साथ सेना के जवान, नौसैनिक युद्ध स्तर पर बचाव व राहत अभियान चला रहे हैं।'
मुख्यमंत्री ने इससे पहले जिले के अधिकारियों के साथ कोडागु में बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठक की।
उन्होंने कॉफी उगाने वाले जिले का हवाई निरीक्षण किया, जो राज्य की राजधानी बेंगलुरू से 270 किलोमीटर दूर है।
जून के पहले सप्ताह से शुरू हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश से दक्षिणी राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से कोडागु भी एक जिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अधिकारी लोगों को एयर लिफ्ट कर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मौसम साथ नहीं दे रहा है।'
गुरुवार से जिले में भूस्खलन और भारी बारिश से छह लोगों की मौत हो चुकी है।'
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के मुताबिक, जिले में अधिकतम 25.3 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान 11.9 सेंटीमीटर की औसत बारिश हुई है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, सैकड़ों लोग जिले की विभिन्न पहाड़ियों में अभी भी फंसे हुए हैं।
राज्य सरकार ने इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों में राहत अभियान चलाने के लिए 200 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की थी।
कुमारस्वामी ने कहा, 'भारी बारिश और तेज हवाओं ने खंभों को उखाड़ दिया, जिसके कारण दूरसंचार सेवा बाधित हुई और फोन लाइन खराब हो गई, जिन्हें प्राथमिकता के साथ बहाल किया जा रहा है।'
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शुक्रवार रात को जारी बयान में कहा गया, 'डोगरा रेजिमेंट के करीब 60 जवान और नौसेना के 12 विशेषज्ञ गोताखोरों ने बाढ़ग्रस्त जिले में 873 असहाय लोगों को बचाया है।'
राष्ट्रीय व राज्य आपदा राहत बलों के लगभग 60 सदस्य और नागरिक रक्षा के 45 सदस्य पहाड़ी जिले के मदिकेरी में नौकाओं व उपकरणों के साथ बचाव और राहत कार्यो में शामिल हुए हैं।
कुमारस्वामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से कोडागु में बचाव अभियान के लिए अतिरिक्त सैन्य बल तैनात करने का अनुरोध किया है।
अभी तक जिला प्रशासन ने 17 राहत शिविरों में 573 लोगों को भेजा है।
Source : News Nation Bureau