कर्नाटक में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंची रक्षा मंत्री निर्मली सीतारमण और कर्नाटक के मंत्री एस. आर. महेश के बीच कार्यक्रम के दौरान बहस का मामला सामने आया है। यह सारा घटनाक्रम जिला आयुक्त कार्यालय में अधिकारियों और मीडिया की मौजूदगी में हुआ। रक्षा मंत्री सीतारमण कार्यालय में बाढ़ प्रभावित लोगों के समूह से बात कर रहीं थीं, उसी दौरान जिला प्रभारी मंत्री महेश ने उनसे कहा कि समीक्षा बैठक के लिए अधिकारी उनका इंतजार कर रहे हैं और उन सबको पुनर्वास कार्य के लिए जाना है।
मंत्री एस. आर. महेश ने कहा कि वह पहले अधिकारियों से बात कर लें, जिसपर सीतारमण राजी भी हो गयीं। हालांकि रक्षा मंत्री सीतारमण उनके बोलने के लहजे से नाराज हो गई और कहा कि एक केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद मुझे प्रभारी मंत्री के निर्देशों का अनुसरण करना है।
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सीतारमण ने कहा, ‘मैंने प्रभारी मंत्री का अनुसरण किया। यहां केंद्रीय मंत्री, प्रभारी मंत्री का अनुसरण कर रहे हैं। अदभुत! आपके पास मेरे लिए मिनट-मिनट का लिस्ट है। मैं आपके कार्यक्रम के हिसाब से काम कर रही हूं।’
उन्होंने झल्ला कर पूछा कि आखिर कितने अधिकारी पुनर्वास कार्य में लगे हुए हैं, क्या आपको इस बात की जानकारी है जिस पर आर महेश ने चुप्पी साध ली।
उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती की मेरी वजह से पुनर्वास कार्य किसी भी तरह से बाधित हो इसलिए मैं आपके अनुसार ही चलूंगी।
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गौरतलब है कि जब बाद में आर महेश से बहस का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोडागू के लिए केंद्र से कोष की मांग के कारण सीतारमण ने यह टिप्पणी की।
Source : News Nation Bureau