भारतीय नौसेना ने बाढ़ प्रभावित केरल में अपने राहत और बचाव अभियान के दौरान शुक्रवार को लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। केरल में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ में जान और माल की भारी हानि हुई है। नौ दिन पहले शुरू हुए ऑपरेशन मलाड के तहत शुक्रवार को राज्य के विभिन्न स्थानों पर 58 बचाव दल तैनात रहे। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ की स्थिति राज्यभर में पहले जैसी रहने के बाद नौसेना द्वारा बचाव अभियान के इतिहास में यह अभूतपूर्व अभियान चलाया गया।
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'केरल 100 सालों में बाढ़ की सबसे बुरी स्थिति से गुजर रहा है। 80 बांधों को खोला गया है। 324 लोगों की मौत हो गई हैं और 2,23,139 लोगों को 1500 से अधिक राहत शिविरों में भेजा गया है।'
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि दस दिन पहले राज्य में बाढ़ आने के बाद से 3,000 से ज्यादा लोग तैनात हैं। उनके अनुसार, अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा उन्हें पेयजल और भोजन जैसी मूल भूत जरूरतें उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं।
दक्षिणी नौसेना कमान ने शुक्रवार को कुल 58 बचाव दल और जेमिनी नावों के साथ तैराक दल तैनात किए जबकि बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए 18 अन्य दलों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया।
प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वी नौसेना कमान और पश्चिमी नौसेना कमान से बचाव कर्मियों के 19 दल आए। प्रवक्ता ने बताया, 'शुक्रवार को फोर्ट कोच्चि स्थित राहत शिविर में भेजने से पहले लगभग 500 लोगों को अस्थाई राहत शिविर नौसेनिक अड्डे पर टी2 अड्डे में सुरक्षित बचाकर पहुंचाया गया। इनमें 310 लोगों को नावों तथा 176 लोगों को वायुयानों से निकाला गया।'
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प्रवक्ता ने कहा, 'दक्षिणी नौसेना कमान ने इस अभियान के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य कमानों ने अभियान में 1,000 रेनकोट, 1,300 गम बूट, 264 लाइफवाय और 1,000 जीवन रक्षक पेटी भेजी हैं। केरल सरकार के आग्रह पर जाने के लिए 25 और बचाव दल अपनी नावों के साथ तैयार हैं।' प्रवक्ता ने बताया कि एक जेमिनी नाव के साथ 37 बचाव दल एर्नाकुलम जिले में विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं।
Source : IANS