100 सालों की सबसे बड़ी बाढ़ की मार झेल रहे केरल में त्रासदी के बाद जल्द राहत के आसार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। इसका कारण है बाढ़ के कारण बुरी तरह से तबाह हुए केरल को केंद्र की तरफ से पूरी आर्थिक सहायता राशि मिलने में कई महीनों का वक्त लग सकता है। अधिकारियों के अनुसार इस त्रासदी में हुए नुकसान का आकलन करने में समय लग रहा है, इसके चलते मोदी सरकार की ओर से दिए जाने वाले पैकेज का पूरा फंड रिलीज होने में देरी हो सकती है।
गौरतलब है कि शुरुआती राहत फंड रिलीज किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से राशि जारी किए जाने को लेकर कुछ नियम हैं, इनका पालन करते हुए ही राहत की रकम जारी की जाती है। गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार ऐसी परिस्थितियों में कई गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए पैकेज जारी किया जाता है।
आपदा राहत फंड के मौजूदा नियमों के मुताबिक राज्य आपदा राहत कोष में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75 पर्सेंट होती है। सामान्य कैटिगरी के राज्यों के लिए यह आंकड़ा होता है, जबकि विशेष राज्यों के लिए 90 फीसदी सहायता केंद्र सरकार से मिलती है।
हालांकि यह रकम एक वित्तीय वर्ष में दो बार जून और दिसंबर में दो किस्तों के अंतर्गत जारी किया जाता है। इन पैमानों पर खरा उतरने पर केंद्र सरकार फंड को पहले भी रिलीज कर सकती है, लेकिन यह आंकड़ा फंड के 25 फीसदी ही हो सकता है।
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बता दें कि इस दौरान पहले जारी की गई रकम को भी अन्य किस्तों में ही अजस्ट किया जाएगा। इसी तरह राज्य सरकार को एनडीआरएफ से फंड हासिल करने के लिए मेमोरेंडम जमा करना होगा और उसमें प्रति सेक्टर किसे कितना नुकसान हुआ, उसका पूरा ब्योरा देना होगा।
यह अपने आप में काफी समय लेने वाली प्रक्रिया है। खासतौर पर ऐसे राज्य को इससे बेहद परेशानी होने वाली है, जो अभी आपदा से उबरने का ही प्रयास कर रहा है।
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बीती एक सदी में सबसे भीषण बाढ़ झेलने वाले केरल के लिए केंद्र सरकार ने अब तक 600 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की है। 8 अगस्त के बाद से अब तक केरल की बाढ़ में 293 लोगों की मौत हुई है, जबकि 15 लोग लापता हैं।
Source : News Nation Bureau