कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपस में होने धरना प्रदर्शन को लेकर केरल हाई कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि शैक्षणिक परिसर में राजनीति की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
पोन्नानी ने एमईएस कॉलेज की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, 'माता पिता अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए कॉलेज भेजते हैं और इन कैंपसों में उचित शिक्षा के लिए बेहतर माहौल होना चाहिए।'
कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के जारी हड़ताल के मामले में कोर्ट से दखल दिए जाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि संवैधानिक लोकतंत्र विशेषकर शैक्षणिक संस्थानों में धरना और प्रदर्शन की कोई जगह नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य के कॉलेज, कैंपस में राजनीति करने वाले छात्रों को बर्खास्त करने के लिए स्वतंत्र है।
कोर्ट ने कहा कि अगर किसी छात्र को शिकायत है तो उसके समाधान के लिए कई अन्य और वाजिब मंच है और अगर यह सब काम नहीं करता है तो कोर्ट का रुख किया जा सकता है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह की अध्यक्षता वाली दो जजों की पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, 'सच्चाई यह है कि जो लोग धरना और भूख हड़ताल पर बैठते हैं, वह यह मानकर चलते हैं कि उनकी मांग कानूनी और जायज नहीं है।'
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HIGHLIGHTS
- केरल हाई कोर्ट ने कहा कॉलेज कैंपस में छात्र राजनीति की कोई जगह नहीं
- पोन्नानी ने एमईएस कॉलेज ने छात्रों के जारी हड़ताल के मामले में कोर्ट से दखल दिए जाने की मांग की थी
Source : News Nation Bureau