केरल हाई कोर्ट ने आज यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद बिशप फ्रैंको मुलक्कल को जमानत दे दी. बिशप मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन से कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. इतना ही नहीं केरल हाई कोर्ट ने उस फैसले को भी हटा दिया है जिसमें पहले आदेश दिया गया था कि वो केरल में नहीं घुस सकते और उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा कराना होगा.
क्या है पूरा मामला
पीड़ित नन ने इसी साल जून महीने में आरोप लगाया था कि साल 2014 में कोट्टायम के पास कुरावलंगद क्षेत्र में एक गेस्ट हाउस में बिशप ने पहली बार उसका यौन शोषण किया था. इसके बाद वह 2014 से 2016 के बीच 13 बार उसके साथ यौन उत्पीड़न किया था.
नन ने दावा किया था कि उसने गिरिजाघर के अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. हालांकि आरोपी बिशप ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इनकार किया था. इन आरोपों के बाद चर्च के अधिकारी और नन दो खेमों में बंट गए थे.
बिशप मुलक्कल ने लिखा था पत्र
बिशप मुलक्कल ने हालांकि अपने ऊपर लगे इन अरोपों से इनकार किया था और इसे अपने खिलाफ साजिश बताया था. एक पत्र में मुलक्कल ने ने डायोसीस के सदस्यों को कहा है कि फादर जोसेफ थेक्कुमकट्टिल और फादर सुबिन थेक्कुडाठु बिशप के लिए वर्तमान भूमिका में होंगे.
पत्र में उन्होंने लिखा था, 'जैसा कि आप मेरे खिलाफ लगे आरोपों के जांच के बारे में मीडिया से जाने और मेरे खिलाफ पुलिस रिपोर्ट में जो प्रमाण हैं उसमें विरोधाभास हैं. मैं आप सबसे निवेदन करता हूं कि आप मेरे लिए और कथित पीड़िता और उनके समर्थकों के लिए प्रार्थना करें ताकि ईश्वरीय हस्तक्षेप से सत्य सामने आ सकेगा.'
वेटिकन ने गठित की थी जांच समिति
जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ वेटिकन ने भी पिछले महीने एक सदस्ययी जांच समिति गठित की थी. वेटिकन रोमन कैथोलिक चर्च में प्रशासनिक रूप से सबसे ऊपर का पद है. भारत से चर्च के एक प्रतिनिधित्व ने कहा था कि बिशप के खिलाफ रेप के आरोप पर वेटिकन चर्चा करने वाला है.
Source : News Nation Bureau