केरल में नन के साथ हुए कथित बलात्कार के मामले में जांच के लिए जालंधर के बिशप फादर फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ वेटिकन ने एक सदस्ययी जांच समिति गठित कर दी है। वेटिकन रोमन कैथोलिक चर्च में प्रशासनिक रूप से सबसे ऊपर का पद है। भारत से चर्च के एक प्रतिनिधित्व ने कहा कि बिशप के खिलाफ रेप के आरोप पर वेटिकन चर्चा करने वाला है।
भारत में पोप के प्रतिनिधि को नन के द्वारा लिखे जाने के बाद यह फैसला लिया गया। नन ने पोप के प्रतिनिधित्व को अपना दुख बताते हुए लिखा कि वह बिशप मुलक्कल का शिकार हो गई। बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 19 सितबंर को जांच टीम के समक्ष पेश होने का नोटिस दिया गया है।
वहीं इस मामले में मिशनरीज ऑफ जीसस संस्था से क्लीन चिट मिलने के बाद बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बिशप मुलक्कल को केरल पुलिस के सामने 19 सितंबर को उपस्थित होना है। बिशप ने कहा कि मेरी अनुपस्थिति में मैथ्यू कोक्कणम जालंधर डायोसीस का पदभार संभालेंगे।
बिशप मुलक्कल ने लिखा पत्र
बिशप मुलक्कल ने हालांकि अपने ऊपर लगे इन अरोपों से इनकार किया है और इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। एक पत्र में मुलक्कल ने ने डायोसीस के सदस्यों को कहा है कि फादर जोसेफ थेक्कुमकट्टिल और फादर सुबिन थेक्कुडाठु बिशप के लिए वर्तमान भूमिका में होंगे।
पत्र में उन्होंने लिखा, 'जैसा कि आप मेरे खिलाफ लगे आरोपों के जांच के बारे में मीडिया से जाने और मेरे खिलाफ पुलिस रिपोर्ट में जो प्रमाण हैं उसमें विरोधाभास हैं। मैं आप सबसे निवेदन करता हूं कि आप मेरे लिए और कथित पीड़िता और उनके समर्थकों के लिए प्रार्थना करें ताकि ईश्वरीय हस्तक्षेप से सत्य सामने आ सकेगा।'
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बिशप ने लिखा है कि मैंने हर चीज को ईश्वर के हाथ में छोड़ दिया है हालांकि मैं आरोपों की जांच कर रहे टीम के परिणाम का इंतजार कर रहा हूं।
क्या है मामला
नन ने इसी साल जून महीने में आरोप लगाया था कि साल 2014 में कोट्टायम के पास कुरावलंगद क्षेत्र में एक गेस्ट हाउस में बिशप ने पहली बार उसका यौन शोषण किया था। इसके बाद वह 2014 से 2016 के बीच 13 बार उसके साथ यौन उत्पीड़न किया था।
नन ने दावा किया था कि उसने गिरिजाघर के अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। हालांकि आरोपी बिशप ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इनकार किया था। मामला दर्ज किए 75 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं।
केरल में बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
केरल में शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहीं ननों के एक समूह ने कहा कि वे सिर्फ बिशप की गिरफ्तारी के बाद ही चैन की सांस लेंगी, जिस पर एक वरिष्ठ नन का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।
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सैकड़ों लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही पांच ननों में से एक ने मीडिया से कहा, 'हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे और खुश नहीं होंगे, जब तक उससे पूछताछ नहीं होती और उसकी गिरफ्तारी नहीं हो जाती।'
केरल हाई कोर्ट से बिशप को राहत
बिशप को पिछले गुरुवार को केरल हाई कोर्ट से राहत मिल गई थी और अदालत ने कहा था कि 'गिरफ्तारी मुद्दा नहीं है' और उसने जारी जांच पर संतोष जताया। पीड़िता के आरोपों पर उसी समूह की पांच अन्य ननों ने पीड़िता के दावे का समर्थन किया है।
बिशप के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है और 114 पन्नों का एक विस्तारित बयान पीड़िता और कान्वेंट (मठ) की अन्य ननों से लिया गया है।
अदालत ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने संबंधी याचिका पर भी सुनवाई की थी और कहा था कि वर्तमान में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती और अब अगली सुनवाई 24 सितम्बर को होगी।
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Source : News Nation Bureau