केरल हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद आरोपी कैथोलिक बिशप फ्रैंको मुलक्कल जालंधर पहुंचे. बिशप का समर्थकों ने माला पहनाकर भव्य स्वागत किया. इसके साथ ही उन पर गुलाब के फूल भी बरसाए गए. इस दौरान बिशप ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. जालंधर पहुंचे पादरी ने कहा, 'पंजाब के लोगों की प्रार्थना ने मेरा समर्थन किया. मुझे विश्वास है आने वाले दिनों में मेरे लिए प्रार्थना करेंगे. मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं. इस मामले में जांच जारी है और मैं पूरा सहयोग कर रहा हूं. मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं और देश की कानूनी व्यवस्था पर मुझे भरोसा है.'
मंगलवार को केरल हाई कोर्ट से उन्हें कठोर शर्तों के साथ जमानत मिली. शर्त के अनुसार, वह केरल में प्रवेश नहीं करेंगे, अपना पासपोर्ट सौपेंगे और दो सप्ताह में एक बार पुलिस के सामने पेश होंगे. बिशप को एक नन के साथ दुष्कर्म के आरोप में 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले तीन अक्टूबर को जस्टिस वी. राजा विजयराघवन ने बिशप को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
पीड़ित नन ने अपनी शिकायत में बिशप पर रेप का आरोप लगाया है. कोट्टायम पुलिस को की गई शिकायत के अनुसार, बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने मई 2014 को गेस्ट हाउस में उनके साथ दुष्कर्म किया था. बिशप पर 2014 से 2016 तक नन का कई बार दुष्कर्म करने के आरोप है.
नन में शिकायत में कहा है कि पुलिस और चर्च से कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.