राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शुक्रवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के मकसद से अतिरिक्त संसाधनों के इस्तेमाल का फैसला किया। समिति ने केरल को थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत सभी एजेंसियों के संसाधनों की मदद मुहैया करवाने का निर्णय लिया। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इन एजेंसियों को नौकाएं, हेलीकॉप्टर, जीवनरक्षक जैकेट, जीवनरक्षक पेटी, रेनकोट, रबर के जूते, हवा में काम करने वाली टॉवर लाइट व अन्य साजोसमान प्रदान करने का निर्देश दिया गया।
सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केरल के मुख्य सचिव ने मोटर चालित नौकाएं मांगी थीं, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के पास पहुचा जा सके। दो दिन के भीतर एनसीएमसी की यह दूसरी बैठक थी। बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए शनिवार को फिर बैठक होगी।
केरल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हालात बदतर हैं और बाढ़ की विभीषिका में अब तक 324 लोगों की जानें गई हैं। केंद्र सरकार ने अब तक 339 मोटर बोट, 2,800 लाइफ जैकेट, 1,400 जीवनरक्षक पेटी, 27 लाइट टॉवर और 1,000 रेनकोट प्रदान किए हैं।
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'केरल 100 सालों में बाढ़ की सबसे बुरी स्थिति से गुजर रहा है। 80 बांधों को खोला गया है। 324 लोगों की मौत हो गई हैं और 2,23,139 लोगों को 1500 से अधिक राहत शिविरों में भेजा गया है।'
इसके अलावा 72 मोटर बोट, 5,000 जीवन जैकेट, 2,000 जीवनरक्षक पेटी, 13 लाइट टॉवर और 1,000 रेनकोट और इस्तेमाल किए जाएंगे।
भारतीय वायुसेना ने 23 हेलीकॉप्टर और 11 परिवहन विमान तैनात किए हैं। कुछ विमान येलहांका और नागपुर से उड़ान भरने वाले हैं। थलसेना ने 10 टुकड़ी जवानों, 10 इंजीनियरिंग टास्क फोर्स, 60 बोट और 100 जीवन जैकेट का इस्तेमाल किया है।
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एनडीआरएफ ने 43 बचाव दल और 163 बोट व अन्य उपकरणों को राहत काम में लगाया है। कैबिनेट सचिव ने इन संगठनों को सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी से अतिरिक्त बोट व अन्य सामान लेकर काम में लगाने का निर्देश दिया है।
Source : IANS