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दिल्ली की महिला पत्रकार को भीड़ ने सबरीमाला जाने से रोका, बीच रास्ते से लौटीं वापस

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. कई महिलाएं बीच रास्ते से वापस लौटने को मजबूर हो गईं.

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ruchika sharma
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दिल्ली की महिला पत्रकार को भीड़ ने सबरीमाला जाने से रोका, बीच रास्ते से लौटीं वापस

सबरीमाला

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केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. कई महिलाएं बीच रास्ते से वापस लौटने को मजबूर हो गईं. भीड़ ने दिल्ली की एक पत्रकार को भी आगे बढ़ने नहीं दिया. 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के लिए भारत की संवाददाता सुहासिनी राज अपने साथी के साथ पंबा तक पहुंच गईं थी लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया. इस मामले पर पुलिस का कहना है कि जब वह मरकोट्टम पहुंची तो भीड़ देखकर उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दोनों पत्रकारों को लौटने पर मजबूर कर दिया. सुहासिनी प्रदर्शनकारियों से यह कहती रहीं कि वह यहां पूजा करने नहीं बल्कि अपने काम के सिलसिले में आई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं। कई प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया.

और पढ़ें: सबरीमाला को लेकर केरल में बंद का एलान, कई इलाकों में धारा 144 लागू

सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पांबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई है. सबरीमाला संरक्षण समिति ने 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोरे देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की.

Source : News Nation Bureau

Sabarimala Temple Sannidhanam
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