अफगानिस्तान के पूर्व प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि पंजशीर प्रांत में चल रहा तालिबान विरोधी प्रतिरोध सिर्फ एक प्रांत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे अफगान राष्ट्र के लिए है और यही एक उम्मीद बची है।
इस बीच, तालिबान ने पंजशीर प्रांत के शुतुल जिले पर कब्जा करने का दावा किया है और प्रतिरोध बलों के 10 सदस्यों को भी मार गिराया है।
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने भी कहा है कि लड़ाकों ने तीन सैन्य टैंक और कुछ हथियार जब्त किए हैं।
खामा न्यूज के मुताबिक, अमरुल्ला सालेह ने लिखा है कि पंजशीर प्रांत में स्थित तालिबान विरोधी प्रतिरोध अफगानिस्तान के लोगों के लिए एकमात्र उम्मीद है। प्रतिरोध में वे लोग लगे हुए हैं, जो क्रूरता, लूटपाट, बदला और भेदभाव का विरोध करते हैं।
सालेह ने पोस्ट में तालिबान से पूछा, क्या तुमने खुद से पूछा है कि लोग अफगानिस्तान की सीमाओं पर क्यों धावा बोल रहे हैं और दूसरे देश में सुरक्षित रहने के लिए सब कुछ पीछे छोड़ना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी लिखा कि सिविल सेवाओं की कमी और अपंग अर्थव्यवस्था अफगानिस्तान के लोगों को परेशान करेगी और तालिबान के हथियार और कठोर व्यवहार कभी भी लोगों के विद्रोह में बाधा नहीं डालेगा।
तालिबान ने पहले कहा था कि पंजशीर प्रांत के आदिवासी बुजुर्गो और धार्मिक विद्वानों के साथ उनकी बातचीत बेकार गई है।
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Source : IANS