लखनऊ के केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर 2 प्रोफेसर्स पर परेशान करने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि उनसे घर का काम करवाया जाता है।
ये डॉक्टर्स यूरोलॉजी विभाग में हैं और इनका आरोप है कि प्रोफेसरों ने उन्हें ड्राइवर बना रखा है। साथ ही मना करने पर उनके साथ अभद्रता की जाती है और धमकी भी मिलती है।
केजीएमयू के इन 19 रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, एमसीआई, मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा स्वास्थ्य मंत्री, केजीएमयू के वीसी, स्टूडेंट वेलफेयर और एचओडी यूरोलॉजी से लिखित शिकायत की है।
इन डॉक्टरों का आरोप है कि प्रोफेसर विश्वजीत सिंह और डॉ. राहुलजनक सिन्हा ड्यूटी के बाद उनसे अपने निजी काम करवाते हैं। जिसमें घर के काम, और ड्राइवरों की तरह ही उनके परिवार और परिचितों को लाने ले आने और ले जाने के लिये कहा जाता है।
इतना ही नहीं मुफ्त इलाज और दवा का प्रावधान करने के लिये कहा जाता है। मना करने पर धमकी और गालिया दी जाती हैं।
आरोपी प्रोफेसरों ने छात्रों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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यूरोलॉजी विभाग के प्रफेसर विश्वजीत सिंह ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि रेजिडेंट डॉक्टर मरीज की केस शीट बनाने में लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में उन्हें डांटना पड़ता है। जहां तक निजी काम करने वाली बात है तो वो पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप है।
यूरोलॉजी विभाग के हेड प्रफेसर एसएन शंखवार ने दोनों प्रफेसरों से जवाब मांगा है। अब इस मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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Source : News Nation Bureau