'सिख फॉर जस्टिस' गैरकानूनी संगठन से जुड़ी 40 वेबसाइट्स को बैन करने का फैसला लिया गया है. केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी 40 वेबसाइट्स को बैन करने का फैसला लिया है. 'सिख फॉर जस्टिस' पर आरोप है कि वो वेबसाइट्स के जरिए संगठन गैरकानूनी काम करने के लिए लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा था.
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फोटेक मिनिस्ट्री ने वेबसाइट्स कदम उठाया है. एक दिन पहले ही इस खालिस्तान समर्थक संगठन के स्वयंभू मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने देशद्रोह और अलगाववाद के आरोप में केस दर्ज किया है.
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बता दें कि पन्नू अमेरिका में रहता है. दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने पन्नुन और आठ अन्य को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के नये प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया था. पन्नुन ने खालिस्तान 2020 जनमत संग्रह का आयोजन किया था.
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एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘पन्नू अमेरिका से भारत के खिलाफ ऑटोमेटिड फोन कॉल के माध्यम से अलगाववादी अभियान चला रहा है और भारत की संप्रभुता, एकता तथा क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालने के मकसद वाली गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है.’ उन्होंने कहा कि अपने अलगाववादी एजेंडा के तहत ‘जनमत संग्रह 2020’ के लिए जोर दे रहे एसएफजे का सदस्य होने के नाते पन्नुन देश के सांप्रदायिक सौहार्द और एकता के लिए बड़ा खतरा है. पन्नू 4 जुलाई को एक अवैध जनमत संग्रह करवाने वाला था और वेबसाइट के जरिए भी इसका प्रचार कर रहा था.
Source : News Nation Bureau