कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर चल रहे चुनाव में अंतिम समय में नामांकन कर उम्मीदवार बने मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत लगभग तय मानी जा रही है. जिस प्रकार से खड़गे अंतिम समय में उम्मीदवार हुए और उसके पहले जो राजस्थान में राजनीतिक घटनाक्रम हुआ उसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव दिलचस्प हो गया है. पहले अशोक गहलोत फिर दिग्विजय सिंह के नाम को लेकर खूब चर्चा हुई, लेकिन खड़गे को लेकर जीत की चर्चा सबसे तेज चल रही है. अब अंतिम समय में खड़गे ने नामांकन पत्र दाखिल के बाद कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं का उनके साथ होना इस बात को दर्शाता है कि खड़गे की जीत लगभग सुनिश्चित ही है.
वहीं शशि थरूर भी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार है और उनकी सक्रियता को देखते हुए खड़गे भी सक्रिय हो गए हैं. इसी क्रम में आज खड़गे ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि अब कांग्रेस में कोई G-23 गुट नहीं है. खड़गे ने कहा, उस गुट के सभी नेता एकजुटता के साथ बीजेपी और आरएसएस से लड़ना चाहते हैं. इसलिए G-23 गुट में शामिल सभी नेता मेरा समर्थन कर रहे हैं. पार्टी के कई नेताओं के कहने पर ही मैं यह चुनाव लड़ रहा हूं और उन सभी के प्रोत्साहन के कारण मैं चुनाव लड़ रहा हूं. इस चुनाव में खड़गे और शशि थरुर के साथ झारखंड के कांग्रेसी नेता के. एन. त्रिपाठी ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन के. एन त्रिपाठी का पर्चा खारिज होने के बाद अब खड़गे और शशि थरुर ही मैदान में रह गए हैं.
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80 वर्षीय खड़गे की इस कारण से भी जीतने की संभावना ज्यादा है क्योंकि नामांकन के पहले तक G-23 गुट के नेता जो पार्टी में बदलाव के पछधर रहे हैं वो सभी खड़गे के नामांकन के समय उनके साथ नजर आए. साथ ही सोनिया और राहुल गांधी के सभी करीबी भी खड़गे का समर्थन कर रहे हैं. वहीं थरूर अपने नए तरीके और अलग अंदाज के साथ इस चुनाव में जोर आजमाइस कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau