केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. किसानों के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने, महामारी एक्ट समेत कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर किसान रोड ब्लॉक करके बैठे हैं. 29 नवंबर को लामपुर बॉर्डर से हजारों की संख्या में किसान जबरन दिल्ली सीमा में घुस आए थे. जिसके बाद उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर ही डेरा डाल लिया.
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गौरतलब है कि पिछले 16 दिन से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा से आए हैं. इसके अलावा भी देश के अलग अलग राज्यों से किसानों के गुट यहां पहुंचे हैं. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. हालांकि इस बीच किसानों और सरकार की वार्ता भी हो चुका है, मगर बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है. अब किसान और आक्रोशित हो गए हैं और आंदोलन तेज करने का ऐलान कर चुके हैं.
सरकार और किसानों के बीच 5 बार बैठक हुई है, जो हर बार बेनतीजा रही. किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले. जबकि सरकार इन कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. हालांकि इन कानूनों में संशोधन के लिए सरकार तैयार है. बीते दिन सरकार ने किसानों को लिखित प्रस्ताव भी भेजा था, जिसमें संशोधन का आश्वासन दिया गया. सरकार लगातार किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
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इतना ही नहीं, सरकार के लिखित प्रस्ताव को भी किसानों के खारिज कर दिया है. जिसके बाद अब सरकार और किसान अपने अपने रुख पर अड़े हैं, जिससे टकराव बढ़ता जा रहा है. किसानों ने आंदोलन को तेज करते हुए शनिवार को दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे को जाम करने की घोषणा की है. इसके अलावा किसान संगठनों ने 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.