अपनी कई मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था हरिद्वार से 23 सितंबर को चली किसान क्रांति यात्रा सोमवार को गाजियाबाद पहुंच गई है. यहां किसानों का हज हाउस में ठहरने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है. भाकियू की ओर से आयोजित की गई इस रैली में शामिल किसान प्रशासन के इस फैसले में बाद गुस्से में गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन चौराहे पर ही धरना देने लगे. जिस कारण वहां भारी जाम देखने को मिला और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
गौरतलब है कि रैली में शामिल किसानों की मांग है कि सरकार पूर्ण कर्जमाफी करे और बिजली के बढ़ाए दाम वापस ले. किसानों को जल्द पेंशन और गन्ने का बकाया भुगतान किया जाए. जिन किसानों ने खुदकुशी की है, उनके परिजनों को नौकरी और परिवार को पुनर्वास दिलाने की मांग उठाई गई है.
वहीं कर्ज़माफी और बिजली के दाम कम करने जैसे अन्य मुद्दे को लेकर चल रही किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है.
और पढ़ें: किसान यात्रा को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं, गाजीपुर-महाराजपुर बॉर्डर सील
दिल्ली पुलिस ने उन्हें किसी तरह के आंदोलन की इजाज़त नहीं देते हुए दिल्ली को चारो तरफ से सील कर दिया है. बता दें कि किसान संगठन 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचकर राजघाट से संसद तक मार्च करने वाले हैं.
दिल्ली पुलिस ने क़ानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राजघाट और संसद के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए हैं. साथ ही गाजीपुर और महाराजपुर बॉर्डर को भी सील कर दिया है, ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न करें.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों द्वारा अगर जबरदस्ती प्रवेश करने की कोशिश की गई तो पुलिस उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग करने पर भी विचार कर रही है.
और पढ़ें- तोगड़िया ने किसानों से एकजुट होने की अपील की, पीएम मोदी पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
बता दें कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है इसलिए राजघाट पर वीवीआईपी मूवमेंट होगी. जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के ख़ास बंदोबस्त किए हैं और किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है.
Source : News Nation Bureau