किसान सेना ने नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभदायक बताते हुए सरकार से इन्हें नहीं बदलने की गुहार लगाई है. किसान सेना के बैनर तले उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के किसानों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानून का समर्थन किया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल आगरा के उत्तम सिंह ने कहा कि सरकार अगर नए कृषि कानूनों को वापस लेगी तो किसान सेना बड़ा आंदोलन करेगी.
कृषि कानूनों को समर्थक मिल रहे कृषि मंत्री से
केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक तरह दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से करीब 40 किसान संगठनों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. वहीं दूसरी ओर कानून का समर्थन करने वाले किसान संगठनों का रोज केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को किसान सेना से पहले किसान मजदूर संघ, बागपत (उत्तर प्रदेश) के प्रतिनिधियों ने यहां कृषि भवन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलकात की. दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने नए कृषि सुधारों को मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया.
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कानूनों को बताया दशा-दिशा बदलने वाला
इस अवसर पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से एक स्वर में कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों की दशा एवं दिशा बदलने वाले हैं और इन्हें किसी भी स्थिति में वापस नहीं लिया जाए. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि जो विपक्षी दल लंबे समय तक सरकार में रहने के बावजूद किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के लिए कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाए वो आज सवाल उठा रहे हैं.
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20 हजार किसान दिल्ली कूच करेंगे
किसान सेना के मंडल संयोजक गौरी शंकर सिंह ने बताया कि कृषि कानून के समर्थन में यूपी के ब्रज क्षेत्र के किसान दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे. हम कृषि मंत्री को इस विधेयक के पक्ष में समर्थन पत्र देंगे. प्रदेश के मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद व हाथरस से करीब 20 हजार किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे. किसान सेना के हजारों की संख्या में सदस्य केंद्र के कृषि कानून के समर्थन में गुरुवार को दिल्ली पहुंचने के लिए गाजियाबाद तथा नोएडा की सीमा पर डेरा डाला है. अन्य जिलों के किसानों के साथ यह लोग मेरठ, बागपत, शामली व मुजफ्फरनगर जिलों के किसानों को भी लेंगे.