जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने अब एक नया फरमान जारी किया है. आतंकियों ने कश्तवाड़ जिले में लोगों के घरों के दरवाजों पर एक पोस्टर चिपकाया है. इस पोस्टर में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर की लड़कियों के लिए फरमान जारी करते हुए कहा है कि, जम्मू की लड़कियां सोशल मीडिया पर अपने डांसिंग के वीडियोज न अपलोड करें. इस चेतावनी के बाद भी अगर कोई लड़की ऐसा करते हुए पाई गई तो उनके पैर तोड़ दिए जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने ये पोस्टर किश्तवाड़ के घरों के दरवाजों पर लगाए हैं. इन पोस्टर्स में आतंकियों ने साफ तौर पर वहां की स्थानीय लड़कियों को धमकी देते हुए लिखा है कि अगर वो सोशल मीडिया पर अपने डांसिंग के वीडियोज अपलोड करती हैं तो वो उनके पैर तोड़ देंगे. अगर वो उनकी इस चेतवानी को नहीं मानती हैं तो फिर वो अपने पैर तुड़वाने के लिए तैयार रहें. आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में सेना ने ऑपरेशन ऑल आउट ऑपरेशन जारी कर रखा है जिसके अंतर्गत वो घाटी से लगातार आतंकियों का सफाया कर रहे हैं. आतंकी इसी बात से चिढ़े हुए हैं.
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कश्मीर पुलिस ने किया था दावा
आपको बता दें कि इसके पहले कश्मीर की पुलिस ने रविवार को इस बात का दावा भी किया था कि श्रीनगर (Srinagar) जिले का कोई भी आतंकवादी सक्रिय नहीं है. कश्मीर पुलिस के मुताबिक श्रीनगर जिले का रहने वाला एक ही आतंकी बचा हुआ था, जिसे सुरक्षाबलों ने शनिवार को ढेर कर दिया था. जिसके बाद अब श्रीनगर जिले का निवासी कोई भी आतंकी अब सक्रिय नहीं है. इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने ट्वविटर हैंडल से दी. कश्मीर पुलिस ने कहा, 'शनिवार को आतंकवादी इशफाक रशीद खान को मारने के बाद आंतकी रैंक में श्रीनगर जिले का कोई निवासी नहीं बचा है. इशफाक श्रीनगर के सोजेथ इलाके का रहने वाला था.
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शनिवार को कश्मीर पुलिस ने किया था दो आतंकियों को ढेर
पुलिस ने बताया कि शनिवार को दो आतंकी मुठभेड़ में मारे गए थे. इसमें शामिल लश्कर कमांडर इशफाक रशीद खान भी शामिल था. इशफाक श्रीनगर जिले का रहनेवाला अकेला आतंकी बचा हुआ था, जिसकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी. पुलिस इसे बड़ी सफलता के रूप में देख रही है क्योंकि क्योंकि आतंकवाद के दौर में श्रीनगर जिले के कई आतंकी कश्मीर में सक्रिय थे. पुलिस ने अब बाहर के आतंकवादियों के साथ इस लिंक को तोड़ दिया. बता दें कि कुमार ने हाल ही में कहा था कि श्रीनगर शहर कभी भी आंतकवाद-मुक्त नहीं हो पाएगा क्योंकि अन्य जिलों से आतंकवादी यहां आते रहते हैं.