पिछले 15 दिन से दिल्ली में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि हाल में आए 3 कृषि बिलों को सरकार वापस ले. दिल्ली की सीमाओं पर अभी भी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसान डटे हुए हैं. केंद्र सरकार किसानों से कहा कि वह एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने को भी तैयार है लेकिन किसान मामने को तैयार नहीं है. अब किसानों का कहना है कि अगर सरकार दूसरा प्रस्ताव भेजती है तो वह उस पर विचार कर सकते हैं.
जानें किसान आंदोलन की अब तक की 10 अहम बातें...
- किसानों ने 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद करने का ऐलान कर दिया है. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि 12 दिसंबर को आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा और उस दिन देश के किसी भी टोल प्लाजा पर कोई कर नहीं दिया जाएगा.
- किसान इन कानूनों के विरोध में 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों काभी घेराव करेंगे.
- किसान नेता शिव कुमार कक्का का साफ कहना है कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किए गए तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जाएगा.
- कक्का ने यह भी कहा कि जल्द ही किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते हैं.
- किसान नेता ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से अगले दौर की वार्ता पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है.
- किसान नेता प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और हम कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
- किसान संगठनों की अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है.
- गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को किसान संगठनों के 13 नेताओं से बातचीत की थी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया था. उसके बाद बुधवार को सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द कर दी गई थी.
- सरकार की ओर से बुधवार को किसानों को जो प्रस्ताव भेजा गया उसे उन्होंने नामंजूर कर दिया है.
- बुधवार को किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी. इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल थे.