साल 2014 के पहले अगर बनारस की बात की जाए तो मन में एक तंग और छोटी गलियों में भीड़ की कल्पना मन में स्वतः ही आ जाती थी क्योंकि हमने ऐसा ही बनारस देखा था अब से 15 साल पहले. साल 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद और बनारस संसदीय क्षेत्र से जीत के बाद बनारस की तो काया ही कल्प हो गई है. हम आपको बता दें इस शहर के बारे में कहा जाता है कि इस शहर को भगवान शंकर ने बसाया था लेकिन हजारों सालों के बाद एक बार फिर से बनारस के दिन लौटे हैं. प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनने के बाद बनारस की तो काया ही कल्प हो गई है. आइए आपको बताते हैं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र केे बारे में.
रैंकिंग के लिहाज से 27वें पायदान पर बनारस
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इज ऑफ लिविंग इंडेक्स जिसका मतलब है कि जीवन यापन के लिहाज से देश के बेहतरीन शहरों की रैंकिंग जारी की गई. आपको बता दें कि इस रैंकिंग में देश के ऐतिहासिक नगर वाराणसी को 27वीं रैंक मिली है. बनारस एक ऐसा शहर है जो न केवल मंदिरों, बल्कि धार्मिक परंपराओं, घाटों के लिए जाना जाता है. इस शहर को हम तंग गलियों के शहर के नाम से भी जानते हैं और इस शहर की आत्मा यहां की गलियों में बसती हैं इसलिए हम बनारस को गलियों का शहर भी कहते हैं. ये गलियां काफी पुरानी हो चुकी थीं जिसकी वजह से काफी बदहाल हो चुकी थीं. साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद इस शहर का कायाकल्प होना शुरू हो गया.
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सीवेज और पेयजल की स्थिति पर सुधार
बनारस में कभी सीवेज और पेयजल जैसी समस्याओं से ग्रसित था लेकिन पीएम मोदी के यहां से सांसद चुने जाने के बाद यहां पर इन मूलभूत सुविधाओं पर सबसे पहले ध्यान दिया गया. यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि ये व्यवस्था पहले इतनी खराब हो चुकी थी कि कभी-कभी तो सप्लाई के पानी में भी सीवेज का पानी आ जाता था, लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं. यहां पर स्मार्टसिटी की तर्ज पर तेजी से विकास का काम जारी है. स्मार्ट सिटी के तकनीकी विशेषज्ञ वासुदेवन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शहरों को रैंकिंग कई बिंदुओं पर दी गई है.
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यहां के लाइफस्टाइल में दिखाई दे रहा बदलाव
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अब यहां रहने वालों के जीवन स्तर में भी लगातार बदलाव आ रहा है. हम साफतौर पर देख सकते हैं कि कैसे बनारस के स्थानीय लोगों को शहर के विकास का फायदा मिल रहा है. आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आध्यात्मिक नगरी में कई स्तरों पर काम हो रहा है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बनने के बाद बनारस की सड़कें पहले की तुलना में अब ज्यादा बेहतर हुई हैं और घाटों की स्थिति भी पहले के मुक़ाबले बेहतर दिखाई देती है.
HIGHLIGHTS
- बनारस में साल 2014 के बाद दिखी विकास की लहर
- पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र है बनारस
- सड़कों से लेकर गलियों तक वाराणसी का कायाकल्प