सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तीन वार्ताकारों वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन, पूर्व चीफ इंफोर्मेशन कमिश्नर वजाहत हबीबुल्लाह को नियुक्त किया है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मिलकर ये लोग बात करेंगे और जगह खाली करने को लेकर राजी करेंगे. सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रदर्शन करना अधिकार है लेकिन इससे दूसरे को परेशानी नहीं होनी चाहिए. बेंच ने कहा कि अगर मामला नहीं सुलझता तो हमें अधिकारियों से कहना पड़ेगा कि वे इससे निपट लें. सुप्रीम कोर्ट ने जिन तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया है, उनके बारे में एक नजर:
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संजय हेगड़े
- संजय हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं.
- संजय हेगड़े ने एलएलबी की पढ़ाई 1989 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से की.
- इसके बाद उन्होंने 1991 में इसी विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई भी की थी.
- राष्ट्रीय नागरिकता सूची से निकाले गए लोगों, मॉब लिंचिंग के मामलों और मुंबई के आरे जंगल के पक्ष में वे सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रख चुके हैं.
- कई हाई प्रोफाइल मामलों में संजय वकील रह चुके हैं.
- हाल ही में दो बार उनका ट्विटर भी ब्लॉक कर दिया गया था. एक बार उन्होंने एंटी नाजी पिक्चर पोस्ट की थी और एक बार हिंदी कवि गोरख पांडे की कविता पोस्ट की थी.
- उनके विवादित ट्वीट के कारण उनका अकाउंट भी कुछ दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसे लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी.
- ट्विटर पर उनके अकाउंट को फिर से रीस्टोर करने के लिए एक अभियान भी चला था.
- इसे लेकर संजय हेगड़े ने ट्विटर पर लीगल केस दायर किया था.
- संजय हेगड़े ने अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए ट्विटर से सार्वजनिक माफी की मांग की थी.
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साधना रामचंद्रन
- साधना रामचंद्रन सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील हैं.
- साधना 1978 से वे सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं.
- मानवाधिकार आयोग से जुड़ी रही हैं और कई बड़ी जांचों का भी हिस्सा रही हैं.
- साधना रामचंद्रन पहले भी न्यायिक मध्यस्थता से जुड़ी रही हैं.
- साधना दिल्ली हाईकोर्ट समाधान में मध्यस्थता विभाग की सचिव भी रह चुकी हैं.
- साधना रामचंद्रन एक संगठन 'माध्यम इंटरनेशनल' की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हैं.
- इस संगठन का उद्देश्य मध्यस्थता मुहैया कराना है.
- साल 2006 से वे एक प्रोफेशनल मध्यस्थ हैं और कई बड़े मामलों में अपने सेवाएं दे चुकी हैं. इन मामलों में मध्यस्थता के निर्देश अदालतों ने दिए थे.
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वजाहत हबीबुल्लाह
- वजाहत हबीबुल्लाह, भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे हैं.
- हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं.
- वजाहत हबीबुल्लाह, पंचायती राज मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव रह चुके हैं.
- हबीबुल्लाह 1968 से अगस्त 2005 में अपनी सेवानिवृति तक भारतीय प्रशासनिक सेवा से अधिकारी रह चुके हैं.
- इसके अलावा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता पर गंभीर आपत्तियों का उल्लेख करते हुए 106 पूर्व नौकरशाहों द्वारा लिखे गए खुले पत्र में भी पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल थे.
- अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया था तब भी वजाहत ने इसकी आलोचना की थी.
- उन्होंने कहा था कि ऐसा करके लोगों की ताकत को कम किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau