केंद्र सरकार ने मंगलवार रात 12 बजे से 500 और 1000 के नोटो को अवैध घोषित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान के बाद देश में एक तरह से बवाल मचा हुआ है। लेकिन ये कड़ा फैसला देश के कालेधन और नकली नोटों को रोकने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। गौरतलब है कि कल यानि 10 नंवबर से बाजार में नए 500 और 2000 के नोट जारी कर दिए जाएगे। लेकिन क्या आपको भारतीय मुद्रा के इतिहास के बारे में मालूम है, अगर नहीं तो यहां पढ़े...
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अजादी से पहले रजवाड़ों की ओर से कई तरह के नोट जारी किये जाते थे, जिसमें हैदराबाद के राजा का नाम खासतौर से लिया जाता है, इसके अलावा गोवा और पुड़ुचेरी की सरकारे भी अपने नोट छपवाती थी।
रुपयों के काग़ज़ के नोटों को सबसे पहले जारी करने वालों में से थे 'बैंक ऑफ हिन्दुस्तान' (1770-1832), 'द जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार' (1773-75, वारेन हॉस्टिग्स द्वारा स्थापित) और 'द बंगाल बैंक' (1784-91)। शुरुआत में बैंक ऑफ बंगाल द्वारा जारी किए गए काग़ज़ के नोटों पे केवल एक तरफ ही छपा होता था।
अंग्रेजों के दौर में इन नोटों पर जार्ज पंचम और क्वीन विक्टोरिया की तस्वीरें होती थीं, जबकि आजादी के बाद इन नोटों पर महात्मा गांधी से लेकर अशोक स्तंभ की तस्वीरें नजर आती रहीं।1947 यानि देश की आजादी के बाद से लागू मुद्रा आजतक चली आ रही है, जिसमें कई तरह के बदलाव होते रहे है।
आजादी से पहले डॉलर और रूपया समान मूल्य के होते थे।देश पर बढ़ रहे कर्ज से निपटने के लिए इंदिरा गांधी ने रूपये की कीमत कम करने का फैसला लिया उसके बाद आज तक रूपये की कीमत घटती आ रही हैं। आज 1 डॉलर लगभग 67 रुपये का है लेकिन 1947 में 1 डॉलर मात्र 3.30 रुपये का था और 1917 में 13 डॉलर 1 रुपये के बराबर थे।
भारतीय रुपया 1957 तक तो 16 आनों में विभाजित रहा, परन्तु उसके बाद (1957 में ही) उसने मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपना ली और एक रुपये की गणना 100 समान पैसों में की गई। आधुनिक भारतीय रुपये को 100 पैसे में विभाजित किया गया है।
नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए 'रु' और अंग्रेज़ी में Re. 1 रुपया, Rs., और Rp. का प्रयोग किया जाता था।15 जुलाई 2010 को रूपए को चिन्ह मिला इसे डी उदय कुमार ने डिजाईन किया था इसे डिजाईन करने के लिए English का R हिंदी का र और समानता दिखाने के लिए = का इस्तेमाल किया गया है।
भारतीय नोट पर अगले भाग पर अंकित चित्र सामान होते हैं लेकिन पिछले भाग पर अलग अलग होते हैं। जैसे 20 रुपए के नोट पर अंडमान आइलैंड की तस्वीर है।10 रुपए के नोट पर हाथी, गैंडा और शेर छपा हुआ है, जबकि 100 रुपए के नोट पर पहाड़ और बादल की तस्वीर है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट पर आजादी के आंदोलन से जुड़ी 11 मूर्ति की तस्वीर छपी हैं।
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भारतीय नोट पर उसकी कीमत हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 15 भाषाओं में लिखी जाती हैं।असमिया, बंगला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दूभाषा का प्रयोग होता है।
भारतीय नोट किसी आम कागज के नही, बल्कि कॉटन के बने होते हैं। ये इतने मजबूत होते हैं कि आप नए नोट के दोनो सिरों को पकड़कर उसे फाड़ नही सकते। इसलिए ही नोट भीगने पर गलता नहीं है जैसा की कागज गलता है।
भारतीय सिक्कों का छपाई का पता भी आपको सिक्के में अंकित निशान को देखकर चल सकता है। सिक्कों पर छपी तारीख के नीचे बने निशान से पता चलता है कि ये छापा गया है। जैसे टूटे हुए हीरा हैदराबाद में, टोस डॉट वाला नोएडा और वहीं, इसके अलावा मुंबई और कोलकाता में भी सिक्के ढाले जाते हैं।
Source : News Nation Bureau