सावन सोमवार को अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन का हाथ सामने आया है। हमले के पीछे मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकवादी इस्माइल है। बता दें कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पहले भी कई बार इस तरह के आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
आज इस आतंकी संगठन के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं इस आतंकी संगठन के बारे में। यह संगठन भारत में लगातार ही आतंकी हमलों को अंजाम देता रहता है और इसका सरगना हाफिज सईद है।
इन पॉइन्ट्स में जानिए लश्कर ए तैयबा
1. सन 1987 में लश्कर-ए-तैयबा की शुरुआत अफगानिस्तान के कुन्नार में सबसे पहले की गई थी। हाफिज सईद के अलावा इस आतंकी संगठन को शुरू करने में अब्दुल्ला आजम और जफर इकबाल नाम के दो और व्यक्ति शामिल थे।
2. लश्कर-ए-तैयबा का मतलब भी बड़ा रोचक है, इसका मतलब होता है खुदा की सेना या फिर अच्छाई की सेना।
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3. अलकायदा के कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन ने ही इस आतंकी संगठन की शुरुआत के लिए फंडिंग की थी। इस आतंकी संगठन का हैडक्वार्टर लाहौर के पास पंजाब प्रांत में मुरीदके में है।
4. हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा के बाद जमात-उद-दावा की शुरुआत की थी। सन 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद इस नए संगठन की नींव रखी गई थी। बता दें कि इस संगठन को पाकिस्तान और हाफिज चैरिटेबल ट्रस्ट बताते हैं। जबकि अमेरिका और यूनाइटेड नेशंस जैसे देश इसे बैन कर चुके हैं।
5. लश्कर-ए-तैयबा को अमेरिका समेत पूरे विश्व में ब्रिटेन, यूनाइटेड नेशन्स, भारत और खुद पाकिस्तान ने आतंकी संगठन करार देते हुए बैन किया है। अमेरिका ने 26 दिसंबर 2001 को अमेरिका ने इसे एफटीओ मतबल फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन करार दिया था।
6. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ लश्कर और हाफिज के लिए जहां एक ओर समर्थन करते हैं वहीं जब तख्तापलट हुआ था तो उसके तीन साल बाद 2002 में इस संगठन को उन्होंने भी बैन कर दिया था।
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7. भारत में इस आतंकी संगठन की मौजूदगी 1993 में पहली बार महसूस की गई थी। पाकिस्तान के 12 आतंकियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। भारत में उसे इस्लामी इंकलाबी महाज नाम के संगठन ने मदद की थी।
8. आतंकी हाफिज सईद ने लश्कर की शुरुआत ही कश्मीर में जेहाद के मकसद से की थी। लश्कर ने 90 के दशक में घाटी में पर्चे बांटे थे जिन पर इस्लामी हुकूमत कायम करने के सपने दिखाए गए थे।
9. पाकिस्तान की ओर से इस आतंकी संगठन के लिए 1990 से 1995 के बीच फंड भेजा जाता था। पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई संगठन के लिए फंडिंग का काम करती थी। इसके बाद 2002 तक लश्कर ने चैरिटी के बहाने पैसा इकट्ठा करना शुरू कर दिया था।
10. लश्कर के कई कैंप पाकिस्तान में इस वक्त चलाए जा रहे हैं। इन आतंकी कैंप्स में नए आतंकियों को भर्ती किया जाता है और उन्हें वहां पर ट्रेनिंग दी जाती है। बता दें कि संगठन का मिलिट्री बजट 2009 तक 5 मिलियन डॉलर तक बढ़ गया था।
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Source : News Nation Bureau