कोरोना वैक्सीन का कहर पुरी दुनिया में फैला हुआ है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वैक्सीन (Corona Vaccine Updates) के लिए तमाम कंपनियां अपना पूरा जोर लगा रही है. भारत में तीन वैक्सीन ऐसी हैं जिनसे सबसे अधिक उम्मीदें हैं और यह अपने ट्रायल के अंतिम चरण में हैं. ऐसे में किसी से मन में यह सवाल है कि वैक्सीन कब तक बाजार में आएगी तो किसी के मन में सवाल है कि इसकी कीमत क्या होगी. हम आपको वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का दवाब देते हैं.
वैक्सीन की क्या होगी कीमत
अमेरिकी कंपनी फाइजर (Phizer) ने जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन तैयार की है. इस वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल 95 फीसद तक असरदार रहे हैं. अभी तक जितनी भी वैक्सीन के ट्रायल हुए हैं उनमें सबसे असरदार यही वैक्सीन रही है. इस वैक्सीन की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे शून्य से भी कम तापमान (-70 डिग्री सेल्सियस) पर स्टोर करना पड़ता है जो इसकी सबसे बड़ी खामी है. अन्य वैक्सीन की तुलना में इसकी कीमत भी अधिक है. कंपनी ने अमेरिकी सरकार के साथ 19.50 डॉलर में एक डोज के हिसाब से डील की है, ऐसे में खुले बाजार में वैक्सीन की कीमत इससे दोगुनी तक हो सकती है. अमेरिकी फार्मा कंपनी Moderna Inc ने बताया है कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए सरकारों को एक खुराक की कीमत 25 (1,854 रुपये) से 37 (2,744 रुपये) डॉलर देनी होगी. वहीं दूसरी तरफ भारत में बन रही कोविशील्ड सरकार को कम कीमत (3 से 4 डॉलर यानी 225-300 रुपये) में मिलेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार बहुत ज्यादा मात्रा में इसकी डोज खरीदेगा. माना जा रहा है कि आम आदमी को यह बाजार में 500 से 600 रुपये के बीच मिल जाएगा.
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कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी हैं?
आमतौर पर जब भी कोई वैक्सीन तैयार की जाती है तो उसके लिए लंबी प्रक्रिया तय की जाती है. इसमें कई साल तक लग जाते हैं. हालांकि कोरोना वैक्सीन को कुछ महीनों में ही तैयार किया गया है. वैक्सीन के बनाने में भले ही सुरक्षा के सभी पहलुओं को ध्या में रखा गया हो लेकिन हर इंसान पर इसका कैसा असर होगा, इसके नतीजे आने में लंबा वक्त लगेगा. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक लोगों में कोरोना वैक्सीन के नतीजे कैसे रहेंगे और इससे अगर किसी को साइड इफैक्ट होते हैं तो इसके नजीते आने में समय लगेगा. अधिकतर कोविड वैक्सीन डबल डोज वाली ही हैं. अभी तक हुए ट्रायल में हल्के साइड इफेक्ट्स ही सामने आए हैं. हालांकि साइड इफेक्ट्स आम बात हैं जब तक वे जानलेवा न हों.
किसे लगेगी वैक्सीन, सरकार ने किया साफ
सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि कोरोना का टीका पूरी आबादी को नहीं लगाया जाएगा. यह सिर्फ उतने ही लोगों को लगाया जाएगा जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ी टूट जाए. दूसरी तरफ सरकार ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के ट्रायल को भी जारी रखने की बात कही है. सरकार ने साफ कर दिया है कि उसका उद्देश्य कोविड-19 संक्रमण की कड़ी को तोड़ना है. अगर हम जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन देने में सफल होते हैं और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में सफल होते हैं तो पूरी आबादी के टीकाकरण की जरूरत ही नहीं होगी.'
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कब तक आएगी कोरोना वैक्सीन?
किसी भी वैक्सीन के तैयार होने और उसे बाजार में आने में कई साल लग जाते हैं. कोरोना का मामला बाकी बीमारियों से कुछ अलग है. जानकारी के मुताबिक फाइजर कंपनी कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिकी नियामक से जल्दी की अनुमति लेने के लिए अप्लाई करने वाली है. Moderna Inc की वैक्सीन भी जल्दी ही अमेरिका में लगने लगेगी. वहीं कोविशील्ड वैक्सीन अगले साल के शुरुआती महीने में आ सकती है. ऑक्सफर्ड वैक्सीन भी ट्रायल के अंतिम चरण में है और इसके भी जल्दी ही बाजार में आने की उम्मीद है.
क्या सभी को लगेगा टीका
कोरोना वैक्सीन को लेकर टीकाकरण अभियान की तैयारी शुरू हो चुकी है. जिन लोगों को टीका लगाया जाना है उनकी लिस्ट लगभग तैयार हो चुकी है. अगले वर्ष 2021 के शुरुआती महीनों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाएंगे. टीकाकरण अभियान में सार्वजनिक क्षेत्र में 70 हजार टीकाकर्मी हैं और निजी क्षेत्र के 30 हजार टीकाकर्मियों को भी अभियान में शामिल किए जाने की संभावना टटोली जा रही है.
Source : News Nation Bureau