देश के अगले मुख्य न्यायधीश बनने वाले जस्टिस रंजन गोगोई हालांकि उन 4 न्यायधीशाें में शामिल थे, जिन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वर्तमान मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्र की आलोचना की थी। उनके आरोप थे कि मुख्य न्यायधीश मामलों के आवंटन में अपने अधिकार का दुरपयोग कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए 7 ऐसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की है, जिनकी चर्चा हरदम होती है। इनमें से एक मामला NRC का भी है। इसके तहत असम में नागरिकों की पहचान की जा ही है।
पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र हैं जस्टिस गोगोई
जस्टिस गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के पुत्र हैं। इसके साथ ही वह पूर्वोत्तर भारत से इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले जज बन जाएंगे। उनके नाम की सिफारिश वर्तमान चीफ जस्टिस मिश्रा ने की है जो 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति होने जा रहे हैं।
गुवाहाटी होईकोर्ट में बने थे जज
वर्ष 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से वकालत शुरू करने वाले जस्टिस गोगोई 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने थे। वर्ष 2012 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था और इसके बाद वे चुनाव सुधार से लेकर आरक्षण सुधार तक के कई अहम फैसलों में शामिल रहे हैं।
अहम फैसले
1. जाटों को केंद्रीय सेवाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दायरे से बाहर करने वाली पीठ में थे शामिल
2. असम में घुसपैठियों की पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) बनाने का दिया निर्णय
3. सौम्या मर्डर मामले में ब्लॉग लिखने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को अदालत में किया था तलब
4. जेएनयू छात्रनेता कन्हैया कुमार के मामले में SIT गठन से किया था इनकार
5. कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन को छह महीने की कैद की सजा देने वाली पीठ में थे शामिल
6. लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा व विधान परिषद चुनावों के उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्योरा देने का आदेश देने वाली पीठ में थे शामिल
7. अनुसूचित जाति के एक आदमी को दूसरे राज्य में आरक्षण कोटे का लाभ नहीं दिए जाने का निर्णय सुनाया
Source : News Nation Bureau