1 सितंबर 2019 से लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद से देश भर में वाहन चलाने वाले लोगों में खलबली मची हुई है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे जा रहे दे-दनादन चालान समाचारों में जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. इसी बीच ऐसी खबरों की भरमार है जिनमें बताया जा रहा है कि तत्काल समय पर ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), पॉल्यूशन पेपर्स, परमिट सर्टिफिकेट मौजूद न होने की वजह से ट्रैफिक पुलिस बिना सोचे-समझे चालान काट रही है. जबकि तत्काल समय पर इन दस्तावेजों की गैर-मौजूदगी में ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान कटवाने से बचा जा सकता है.
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जी हां, सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 के मुताबिक यदि वाहन चालक के पास तत्काल समय पर ये दस्तावेज नहीं होते हैं तो उन्हें सभी जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है. नियमों के मुताबिक वाहन चालक को इस बात का दावा करना होगा कि वह 15 दिनों के भीतर संबंधित ट्रैफिक अधिकारी के सामने दस्तावेज पेश कर देगा. चालक द्वारा किए गए इस दावे के बाद ट्रैफिक पुलिस उसका चालान नहीं काटेंगे.
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मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत सड़क दुर्घटना या किसी अन्य विशेष मामलों में दस्तावेज दिखाने के लिए अधिकतम 7 दिन का ही समय होता है. यदि तत्काल समय पर जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काटती है तो चालक कोर्ट में इसे खारिज करा सकते हैं. कानून के मुताबिक यदि आपके पास आपके वाहन के सभी दस्तावेज हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं काट सकती है. ऐसे मामले में कोर्ट ट्रैफिक पुलिस द्वारा जबरन काटे गए चालान माफ कर सकते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो