नन के साथ रेप के आरोपों का सामना कर रहे बिशप फ्रैंको मुलक्कल को केरल उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है. कोर्ट ने मुलक्कल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता स्टीफन मैथ्यू पिछले छह दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. वो रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्ल को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.
Kochi: Social Activist Stephen Mathews is on a hunger strike for the past six days demanding the arrest of rape accused Jalandhar Bishop Franco Mulakkal. #Kerala pic.twitter.com/YEDi6wcQgs
— ANI (@ANI) September 13, 2018
आज यानी गुरुवार को सुनवाई में कोर्ट ने जांच पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि चूंकि यह एक पुराना मामला है, इसलिए जांच में समय लगेगा और 'आरोपी को जेल में डालने से बड़ा मुद्दा उसे दी जाने वाली अंतिम सजा है.'
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CBI जांच से इंकार
इस मामले में दो याचिकाओं पर सुनवाई के अलावा अदालत ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने संबंधी याचिका पर भी सुनवाई की और कहा कि वर्तमान में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती और अब अगली सुनवाई 24 सितम्बर को होगी.
ननों ने अदालत की टिप्पणी पर निराशा जताई
पंजाब के जालंधर के रोमन कैथलिक डाइअसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 19 सितम्बर को जांच टीम के समक्ष पेश होने का नोटिस दिया गया है. पीड़ित के समर्थन में उतरी ननों ने अदालत की टिप्पणी पर निराशा जताई है.
जांच को दबाने की कोशिश : नन
गुरुवार को अदालत की टिप्पणियां सुनने के बाद एक नन ने कहा, 'हमें अब लग रहा है कि जांच को दबाने की कोशिश हो सकती है. अब तो अदालत भी हमें न्याय दिलाने से इनकार कर रही है.'
पुलिस पर दबाव डालना उचित नहीं : कोर्ट
केरल पुलिस जांच दल के हलफनामे को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय की अध्यक्षता में एक डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस पर दबाव डालना उचित नहीं है क्योंकि यह एक स्वतंत्र जांच में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
कई बार यौन शोषण का लगाया है बिशप पर आरोप
केरल की नन ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. इसी समूह की पांच और नन ने पीड़िता का समर्थन किया है.
बयान में बदलाव और विरोधाभास पाया गया
जांच का नेतृत्व कर रहे कोट्टायम पुलिस अधीक्षक हरिशंकर ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि इस मामले से जुड़े कई लोगों के बयान में बदलाव और विरोधाभास पाए गए हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं नहीं कहूंगा कि यह किसी उद्देश्य के साथ किया गया है। लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि मामला चार साल पुराना है, चीजों को सही ढंग से याद करना मुश्किल हो सकता है.'
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Source : News Nation Bureau