Kolkata CBI Probe: पश्चिम बंगाल में नगरीय निकाय में कथित भर्ती घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार सुबह कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक मदन मित्रा के आवास पर छापेमारी की. छापेमार कार्रवाई से टीएमसी नेताओं में हड़कंप मच गया है. शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के मंत्री हकीम कोलकाता के महापौर भी हैं. वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और टीएमसी संगठन में भी उनकी अच्छी पकड़ है. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय बलों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ सीबीआई की टीम चेतला इलाके में हकीम के आवास पर पहुंची और छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई के दो अधिकारी हकीम से पूछताछ कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई की टीम मित्रा और हकीम के आवास पर एक साथ पहुंची थी. छापा मारने के लिए जैसे ही टीम हकीम के रूम में प्रवेश की कि हकीम के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. कोलकाता में सीबीआई 15 जगहों पर अलग-अलग छापेमारी कर रही है. सीबीआई के एक दल ने पूर्व मंत्री और उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी से विधायक मित्रा के भवानीपुर इलाके में स्थित आवास पर भी दबिश दी है. छापेमारी के दौरान किसी भी शख्स को ना तो अंदर जाना है और ना ही किसी को अंदर से बाहर आना है.
ED ने भी की थी कार्रवाई
चंदन मित्रा और हकीम को सीबीआई ने 2021 में नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं मित्रा को सीबीआई ने 2014 में भी इस मामले में दबोचा था. इससे पहले, ईडी ने मामले की जांच के सिलसिले में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवास सहित कई स्थानों की तलाशी ली थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नगर निकायों ने पैसों के बदले 1,500 लोगों को अवैध रूप से नौकरी दी.
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