पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. इस बीच, कोलकाता उच्च न्यायालय ने बंगाल की सीएम को निर्देश दिए कि वे राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान नहीं देंगी. मंगलवार को उच्च न्यायालय ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सहित चार लोगों को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ 14 अगस्त 2024 तक कोई अपमानजनक और गलत बयान देने से रोका है. राज्यपाल बोस ने सीएम बनर्जी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था, जिस पर आज अदालत ने सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी को निर्देश दिया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री बनर्जी ने हाल ही में राज्यपाल के खिलाफ एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल के खिलाफ लगे आरोपों के कारण पश्चिम बंगाल की महिलाएं अब राजभवन में प्रवेश करने में असहज हैं. वे सुरक्षित नही है. इसी बयान के कारण अदालत में उन्होंने मानहानि का केस दर्ज कराया. बोस को लगता था कि वे सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ हो रहे व्यक्तिगत हमलों का मुकाबला नहीं कर सकते. मामले में एकल पीठ के न्यायाधीश कृष्ण राव ने कहा कि स्वतंत्रता के अधिकार की आड़ में कोई व्यक्ति अपमानजनक बयान नहीं दे सकता. किसी भी व्यक्ति के पास किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का अधिकार नहीं है.
राष्ट्रपति को पत्र लिखने की चेतावनी
बता दें, एक महिला ने आरोप लगाया था कि राजभवन के अधिकारियों ने उन्हें एक कमरे में रोका था. अधिकारियों ने महिला से उनका बैग और फोन छीनने की कोशिश की. महिला को राज्यपाल के खिलाफ आवाज न उठाने की चेतावनी दी. महिला ने राज्पाल के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी पत्र लिखेंगी और उनसे इसमें हस्तक्षेप का अनुरोध करेंगी.
देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर, News Nation के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
https://whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10
Source : News Nation Bureau