जांचकर्ताओं ने कोझिकोड हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर रविवार को खोज लिये जिन्हें ब्लैक बॉक्स भी कहा जाता है. इससे यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि शुक्रवार को यहां हवाईपट्टी पर विमान कैसे फिसला और दुर्घटना क्यों हुई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं, दुर्घटना में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर शनिवार को 18 हो गई. इस बीच, दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है. एयरलाइन और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के शीर्ष अधिकारी यहां पहुंच गए हैं. नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उत्तरी केरल के इस शहर में पहुंच गये और उन्होंने स्थिति एवं राहत कार्यों का जायजा लिया.
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उल्लेखनीय है कि दुबई से आ रहा एअर इंडिया एक्सप्रेस (एआईई) का विमान शुक्रवार शाम सात बजकर 40 मिनट पर भारी बारिश के बीच कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरने के दौरान हवाईपट्टी से फिसल कर 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा और उसके दो टुकड़े हो गए. विमान में 190 लोग सवार थे. एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 149 घायलों में से 23 की हालत नाजुक है जबकि 23 अन्य को प्रारंभिक चिकित्सा सहायता के बाद छुट्टी दे दी गयी. नागर विमानन मंत्री पुरी ने ट्वीट किया, “दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) बरामद कर लिया गया है. एएआईबी (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) इसकी जांच कर रहा है.” नागर विमानन महानिदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विमान से मिले डीएफडीआर और सीवीआर से इस हादसे के कारणों का पता चलने में मदद मिलेगी.’’ अधिकारी के अनुसार, ये उपकरण एएआईबी के पास हैं और आगे जांच के लिए इन्हें दिल्ली भेजा जाएगा.
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डीएफडीआर विमान की हवाई गति, ऊंचाई और ईंधन आदि से संबंधित आंकड़ों को रिकॉर्ड करता है. अच्छी गुणवत्ता का डीएफडीआर 25 घंटे तक का उड़ान डेटा दर्ज कर सकता है. सीवीआर विमान के कॉकपिट में होने वाली सभी बातचीत की रिकॉर्डिंग रखता है. मृतकों में विमान के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे (58) और सह-पायलट कैप्टन अखिलेश कुमार (32) भी शामिल हैं. पुरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग 737 के मुख्य पायलट साठे भारतीय वायुसेना के एक पूर्व विंग कमांडर थे. वह सर्वाधिक अनुभवी कमांडरों में एक थे जिनके पास 10,000 से अधिक घंटों की उड़ान का अनुभव था. उन्होंने अतीत में कारीपुर हवाईअड्डे पर 27 बार विमान उतारा था. कुमार को कुल 1,723 घंटे उड़ान का अनुभव था.
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एक अधिकारी ने बताया कि विमान चालक दल के चारों सदस्य सुरक्षित हैं. यह विमान कोरोना वायरस महामारी के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘वंदे भारत’ मिशन का हिस्सा था. जांच के बीच एएआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि रनवे 28 चालू था और विमान को उतारने के पहले प्रयास में पायलट रनवे को नहीं देख सके और उन्होंने रनवे 10 पर उतरने की अनुमति मांगी. विमानन क्षेत्र के एक सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने शनिवार को कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को मानसून के दौरान कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे 10 पर विमान उतारने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. रंगनाथन ने करीब नौ साल पहले 2011 में ही चेताया था कि कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश में उतरते विमान की दिशा में बहती हवा की स्थिति में यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है. रंगनाथन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब आपको पता नहीं है और कोई हादसा होता है और लोगों की जान जाती है, तो यह दुर्घटना है.
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लेकिन यदि आपको खतरे की जानकारी है और आपको उसके बारे में आगाह किया गया है, ऐसे में दुघर्टना में यदि जान जाती है तो यह निश्चित रूप से हत्या है.’’ एएआई के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि दुर्घटना की जांच की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी. मलप्पुरम के जिलाधिकारी के. गोपालकृष्णन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हादसे में घायल हुए एक और यात्री की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 18 हो गई है. उनके द्वारा जारी आधिकारिक सूची के मुताबिक, मृतकों में चार बच्चे हैं--जिनमें तीन लड़कियां और एक साल का एक लड़का है. मृतक सूची में सात पुरूष एवं इतनी ही महिलाएं हैं. दो लड़कियों की उम्र दो साल है जबकि तीसरी लड़की की उम्र पांच साल है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यहां उच्च स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि अभी 149 लोगों का मलप्पुरम एवं कोझिकोड जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें 23 की हालत नाजुक है.
शुरूआती चिकित्सा के बाद 23 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. हादसे में बच गये विजय मोहन ने कहा कि यह उनके लिए भयानक सपने जैसा था. मालापरंबा के रहने वाले मोहन का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी पत्नी जमीला आईसीयू में हैं. पुरी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपए और मामूली रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए की अंतरिम राहत दिए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह मुआवजा उस राशि के अलावा दिया जाएगा, जो विभिन्न एजेंसियों, विमान के बीमा इत्यादि से मिल सकती है. केरल सरकार ने मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की. विजयन ने कहा कि जिन लोगों का उपचार चल रहा है, उनके इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी. वह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ कोझिकोड मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में घायलों को देखने पहुंचे. इस बीच, विमान दुर्घटना में मरने वाले एक यात्री के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद स्थिति और विकट हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने बचाव अभियान में जुटे सभी लोगों से एहतियान पृथक-वास में रहने और अपनी जांच कराने को कहा है. मुख्यमंत्री विजयन ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें राज्यपाल खान भी शामिल हुए.
उन्होंने संवाददातओं से कहा कि दुर्घटना में मरने वाले लोगों की कोविड-19 जांच कराई जाएगी. अभी तक सिर्फ एक मृतक के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. पुरी ने दुर्घटना के कारणों पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए मीडिया से अटकलें नहीं लगाने की अपील की क्योंकि जांच के लिये जरूरी डेटा विमान के ब्लैक बॉक्स में हैं और जांच से ही दुर्घटना के कारण का पता चल सकेगा. मंत्री ने कहा, ‘‘हवाईअड्डा प्राधिकरण, डीजीसीए, एएआईबी सहित प्रणाली के सभी हिस्से तथा अन्य एजेंसियां सहयोग कर रही हैं, ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है. ’’ इससे पहले, वह विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और अन्य के साथ दुर्घटना स्थल पर गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मुरलीधरन नयी दिल्ली से आज सुबह यहां पहुंचे और उन्हें एअर इंडिया तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी उपलब्ध कराई. एयरलाइन ने यह भी कहा कि दुर्घटना में प्रभावित हुए यात्रियों एवं परिवार के सदस्यों की सहायता के लिये तीन राहत उड़ानों का इंतजाम किया गया है. इस दुर्घटना ने 22 मई 2010 को मंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान IX 812 के साथ हुए हादसे की यादें ताजा कर दीं. इस हादसे में 158 लोग मारे गये थे. वह हादसा भी कोझिकोड की तरह ही हुआ था.
यहां जांच में सामने आया कि डीजीसीए ने अनेक सुरक्षा खामियों का पता चलने के बाद कोझिकोड हवाईअड्डे के निदेशक को पिछले साल 11 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. डीजीसीए ने रनवे पर दरारों, पानी के जमाव आदि की ओर इशारा किया था. पुरी ने कहा कि कोझिकोड हवाईअड्डा संचालक ने डीजीसीए द्वारा नियमित रूप से उठाये जाने वाले मुद्दों, जैसे कि अत्यधिक रबर का जमा होना, पानी का रुकना, हवाईपट्टी पर दरार पड़ना आदि का समाधान किया है. पुरी ने हादसे के एक दिन बाद ट्वीट किया, ‘‘यह वास्तविकता है कि डीजीसीए ने नियमित आधार पर कई मुद्दे उठाये थे और विमानपत्तन संचालक ने उन पर ध्यान दिया था. ये अत्यधिक रबर जमा होने, पानी के रुक जाने, दरारें पड़ने तथा अन्य सामान्य विषय हैं.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की चिंताएं प्रकट करना डीजीसीए का सामान्य कार्य है और वह इन्हें दुरूस्त करने को सख्ती से सुनिश्चित करता है. पुरी ने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था में मेरे कुछ सहकर्मियों ने कोझिकोड विमान हादसे के तथ्यों का पता लगाये बगैर इस घटना के बारे में सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि कोझिकोड विमान हादसे के मामले में वायुयान अधिनियम के तहत जांच का आदेश दिया गया है.
ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है. जांच के नतीजे सार्वजनिक किये जाएंगे. उन्होंने सभी से संयम रखने, गैर जिम्मेदाराना अवलोकन पर आधारित अटकलें लगाने से दूर रहने की अपील की. पुरी ने कहा कि जो लोग मीडिया की खबरों में जगह पाना चाहते हैं, सांविधिक जांच के नतीजे का इंतजार करें. उसके बाद तथ्यों के आधार पर मुद्दे की तफ्तीश करें. एअर इंडिया ने ट्वीट किया कि उसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल और एअर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के श्याम सुंदर तथा अन्य अधिकारी कोझिकोड में घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली.