भाजपा नेता और ठेकेदार संतोष के पाटिल की आत्महत्या के मामले में फंसे कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा आज इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि मैंने सरकार में सीएम (बसवराज) बोम्मई के नेतृत्व में अब तक आरडीपीआर मंत्री के तौर पर काम किया है. मैंने शुक्रवार शाम को अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैं अपनी पार्टी और पार्टी नेतृत्व को शर्मिदा नहीं करना चाहता. इस बीच कांग्रेस ने ईश्वरप्पा के इस्तीफे को नाकाफी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.
ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने पहले भी अपना इस्तीफा देने का फैसला किया था, लेकिन उनके सहयोगियों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने कहा, 'अगर मैंने कोई गलती की है, तो भगवान मुझे सजा दें. मुझे विश्वास है कि मैं ठेकेदार आत्महत्या मामले में आरोपों से मुक्त हो जाऊंगा.' पाटिल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी और ईश्वरप्पा को उनकी मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है. मंत्री पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने सहयोगियों के माध्यम से 4 करोड़ रुपये की परियोजना में 40 प्रतिशत कमीशन मांगा था.
कांग्रेस ने ईश्वरप्पा के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है. हालांकि विपक्ष महज इस्तीफे से ही संतुष्ट नहीं है और इसने और भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है. राज्य कांग्रेस ने कहा कि इस्तीफा पर्याप्त नहीं है और भाजपा नेता को आत्महत्या मामले के संबंध में तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि ईश्वरप्पा अपनी बात पर कायम नहीं रहने वाले हैं. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मांग की है कि यह एक 'जघन्य अपराध' और गैर-जमानती अपराध है. सिद्धारमैया ने कहा, 'सभी जघन्य अपराधों में, आरोपी व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन ईश्वरप्पा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. कानून के समक्ष सभी समान हैं.'
HIGHLIGHTS
- ठेकेदार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का है आरोप
- 4 करोड़ के काम के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप
- कांग्रेस समेत विपक्ष ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा