उपहार हादसे को लापरवाही का हादसा बताकर टाल दिया गया लेकिन यह जान बूझकर की गई हत्या थी। उपहार हादसे में मारे गए दो बच्चों के अभिभावकों की लिखी किताब ट्रायल बाइ फायर का लोकार्पण करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद के टी एस तुलसी ने कहा कि इस तरह के मामले को और अधिक सख्ती से निपटे जाने की जरूरत है।
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने भी तुलसी के इस विचार का समर्थन किया। तुलसी उपहार पीड़ितों के लिए कोर्ट में पैरवी करते रहे हैं। तुलसी ने कहा, 'आग की ऐसी घटनाएं जान बूझकर की हत्याएं होती हैं लेकिन इन्हें लापरवाही तक सीमित कर दिया जाता है।'
आरोपी बिल्डर को गंभीर आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार बताते हुए तुलसी ने कहा, 'हमने 100 करोड़ रूपये का मुआवजा मांगा था लेकिन कोर्ट ने हमारी मांग नहीं मानी।' बॉर्डर फिल्म दिखाए जाने के दौरान 1997 में उपहार सिनेमा हॉल में आग लग गई थी।
Source : News Nation Bureau