कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के विदेश जाने की मांग से संबंधित याचिका पर बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान ईडी के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने रॉबर्ट वाड्रा के विदेश जाने की मांग का विरोध किया, वहीं रॉबर्ट वाड्रा की ओर से पेश हुए वकील केटीएस तुलसी ने गंभीर बीमारी की बात कहते हुए इसके लिए अनुमति देने की मांग की.
ईडी की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में लिखित जवाब दायर किया. ईडी ने कोर्ट से कहा कि जो मेडिकल रिपोर्ट हमें रॉबर्ट वाड्रा की तरफ से दी गई थी, उस पर हमने नाम हटाकर डॉक्टर से सलाह ली.
इस पर रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कहा- 2 अस्पतालों से इन्होंने सलाह लिया. एक अस्पताल ने कहा कि आंत में ट्यूमर है. इसमें सर्जरी होगी या नहीं, इस पर अभी कहना जल्दबाजी है लेकिन उसी अस्पताल के दूसरे डॉक्टर से लंदन में सलाह की बात कही है. तुलसी ने कहा, वाड्रा ने हमेशा कानून का पालन किया. 6 हफ्ते विदेश में होने के बावजूद बिना किसी समन/वारंट के वापस लौटे.
इस पर Ed के वकील ने कहा, "इन्वेस्टीगेशन अभी अहम स्टेज पर है और अब आरोपी की कस्टोडियल इन्वेस्टीगेशन जरूरी है. अगर आरोपी विदेश जाता है तो सबूतों को नष्ट कर सकता है. इसकी भी संभावना है कि आरोपी वापस न लौटे.
Ed के वकील ने यह भी कहा कि उनके लौटने की बात कही जा रही है. वो जल्दबाजी में इसलिए आए, क्योंकि उनके पीए को समन किया गया था. इनकी कस्टोडियल इन्वेस्टीगेशन बहुत ज़रूरी है. भारत में इस बीमारी का इलाज है और इन्हें यहां की मेडिकल सुविधाओं पर विश्वास रखना चाहिए और विदेश जाने की इनकी एप्लीकेशन खारिज की जानी चाहिए.
इस पर केटीएस तुलसी ने कहा, "ऐसे मामले में Political Vendeta नहीं होना चाहिए. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने 3 जून तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है.
Source : News Nation Bureau