इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले से भारत को बड़ी जीत मिली है. आईसीजे ने पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर फिर से विचार करने और काउंसलर एक्सेस देने को कहा है. भारत को आज जो बड़ी जीत मिली है वह किसके बदौलत मिली है. वह हैं ICJ के वकील हरीश साल्वे. जाधव के मामले में भारत की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा.
आइए जानते हैं कौन हैं हरीश साल्वे
हरीश साल्वे जाने माने वकील हैं. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर रह चुके हैं. साल 2015 में बॉलीवुड स्टार सलमान खान को सजा हो गई थी. लेकिन कुछ ही घंटे बाद हरीश साल्वे ने अपने दिमाग से उन्हें बेल दिला दी थी. इसके बाद से वह सोशल साइट्स पर ट्रेंड होने लगे थे. हरीश साल्वे का जन्म 22 जून 1955 को महाराष्ट्र में हुआ था. हरीश साल्वे मूलरूप से नागपुर के रहने वाले हैं.
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उनके दादा पीके साल्वे भी दिग्गज क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं. उनके पिता एन के पी साल्वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं. शुरुआती दिनों में हरीश साल्वे अपनी टैक्स लॉयर नानी के जूनियर के तौर पर काम करके कानूनी दाव-पेंच सीखते थे. साल 1976 में उन्होंने दिग्गज एडवोकेट सोली सोराबजी की देखरेख में प्रैक्टिस शुरू की थी. बाद में वह दिल्ली पहुंचे और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे.
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आईसीजे ने कहा, भारत और पाकिस्तान विनया संधि से बंधे हुए हैं. आईसीजे ने कहा, भारत ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. कुलभूषण मामले में भारत का अपील करना सही कदम है. कुलभूषण जाधव को राजनयिक मदद न मिलना गलत है. कुलभूषण भारत का नागरिक है. उनकी नागरिकता पर कोई संदेह नहीं है. यह कहते हुए आईसीजे ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी और काउंसलर एक्सेस देने का आदेश दिया. आईसीजे ने पाकिस्तान को तीन निर्देश दिए हैं.
HIGHLIGHTS
- भारत को मिली बड़ी जीत
- आईसीजे ने सुनाया भारत के पक्ष में फैसला
- कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक