केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 महीने से सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार को युवक का हाथ कटा शव मिलने से हड़कंप मच गया. युवक की बेदर्दी से की गई हत्या ने सबके रोंगेट खड़े कर दिए. इस पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि यह हत्या नहीं, भीड़ की उन्मादी मानसिकता द्वारा भारत के कानून व संविधान को चुनौती है. हत्यारे किसी धर्म के हों उन्हें भारत के आंतरिक अनुशासन की ताकत का अनुभव कराइए होम मिनिस्टर देश को भीड़ में बदलने से रोकिए. आंदोलन की पवित्रता बचाए रखना आंदोलनकारियों व उनके नेताओं की जिम्मेदारी है.
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युवक की हत्या मामले में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि किसान आंदोलन अराष्ट्रवादी, राजनीतिक और हिंसात्मक है. ये राष्ट्र विरोधी लोगों के हाथ में चला गया है. अब किसान नेताओं को वह किसान हित और देशहित का आचरण करें. जो हुआ उस पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. संयुक्त किसान मोर्चा के बयान सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए है. वो कैसे अपने आपको इस से दूर कर सकते हैं. वो सब इन्हीं का हिस्सा हैं. अब किसान नेताओं को फिर से सरकार से बात करनी चाहिए. सरकार और प्रशासन को अब इस आंदोलन पर रोक लगाने की आवश्यकता है.
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आपको बता दें कि सिंघु बार्डर पर एक युवक की बेरहमी से हत्या का मामला सामने आया है. शुक्रवार सुबह उसका शव एक बैरिकेड पर लटका पाया गया. शव का दाहिना हाथ कटा हुआ था. सिंघु बार्डर पर आंदोलनकारियों के मुख्य मंच के पास सुबह के वक्त शव को लटका देखा गया. पुलिस ने 35 वर्षीय शख्स का शव बताया है. युवक के शरीर पर धारदार हथियार से वार के निशान हैं. एक हाथ कलाई से काटा गया है. इस दौरान घटनास्थल पर भारी भीड़ देखी गई. पुलिस को भी आने नहीं दिया गया. यहां पर जमकर हंगामा हुआ. आंदोलनकारियों में पुलिस के प्रति भारी आक्रोश देखा गया.
Source : News Nation Bureau