कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी विरोधी पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी एकता प्रदर्शित करेंगी।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हाथ में आए इस मौके पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता एम.के. स्टालिन, रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह, सीपीएमके महासचिव सीताराम येचुरी और अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी मौजूद रहेंगे।
इनके अलावा इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के नेता चंद्रबाबू नायडू भी शिरकत करेंगे।
वहीं कांग्रेस रहित तीसरे मोर्चे को हवा देने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव इस समारोह में नहीं आएंगे।
कुमारस्वामी सोमवार को दिल्ली में थे, जहां वह सोनिया और राहुल सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिले और कर्नाटक में नए गठबंधन की 'आपसी सहमति और लंबे संबंध' पर चर्चा की।
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विपक्ष के इन प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश में माहौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में है और एनडीए 2014 की तुलना में और ज्यादा बहुमत के साथ फिर सत्ता में आएगी।
उन्होंने इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'ममता बनर्जी कर्नाटक में क्या करेंगी और कुमारस्वामी बंगाल में क्या करेंगे।'
इससे पहले कर्नाटक के राजनीतिक तूफान का अंत तब हो गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 15 दिन के बजाय 26 घंटे के अंदर सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। लेकिन विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस तरह येदियुरप्पा ढाई दिन के मुख्यमंत्री साबित हुए।
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Source : IANS