प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के कैबिनेट विस्तार में दो लोगों के नाम पर सबसे अधिक चर्चा की जा रही है. माना जा रहा है कि ब्रिक्स बैंक के चेयरमैन के.वी. कामत (KV kamath) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता (Swapan Dasgupta) जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ बैंकर कामत वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं और समय के साथ उनकी भूमिका बढ़ाई जा सकती है. कामत आईसीआईसीआई (ICICI)बैंक और इंफोसिस के चेयरमैन रह चुके हैं और भारतीय तंत्र से अच्छी तरह परिचित हैं.
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दक्षिणपंथी विचारधारा के दासगुप्ता मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय में जूनियर मंत्री के रूप में शामिल किए जा सकते हैं. सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों के परिसरों में अस्थिरता के कारण एचआरडी मंत्रालय की घेराबंदी की गई है. दक्षिण भारत के मामले देख रहे एक अन्य विशेषज्ञ को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है.
सरकार ने अगर मंत्रिमंडल में विशेषज्ञों को शामिल करने पर जोर देने का निर्णय लिया तो वह नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत को भी मंत्रिपरिषद में शामिल कर सकती है. पूर्व में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय संभाल चुके सुरेश प्रभु भी मोदी सरकार में वापसी कर सकते हैं.
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विशेषज्ञों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की प्रक्रिया के तहत मोदी ने हरदीप सिंह पुरी, के.जे. अल्फोंस और एम.जे. अकबर को मंत्रिपरिषद में शामिल किया था. वित्त मंत्रालय में कामत का जाना बहुत बड़ा संकेत माना जाएगा क्योंकि मोदी सरकार के अंतर्गथ नॉर्थ ब्लॉक में सिर्फ राजनेता ही पहुंचे हैं. गिरती अर्थव्यवस्था और सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिखने के बीच सरकार विशेषज्ञों के सहारे इसे बचाना चाहती है.
Source : IANS/News Nation Bureau