Advertisment

La Nina प्रभाव से सितंबर में भारी बारिश, फिर कड़ाके की सर्दी!

अगस्त से अक्टूबर के बीच भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तापमान के ठंडा होने की संभावना बन रही है, जिससे ला नीना की स्थिति निर्मित होगी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
La Nina

आईएमडी ने भारी बारिश औऱ कड़कड़ाती ठंड को लेकर चेताया.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर में भारी बारिश की संभावना बन रही हैं, तो इस बार सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड पड़ेगी. आईएमडी ने इसके लिए ला नीना को जिम्मेदार बताया है. वैश्विक मौसम से जुड़ी ला नीना से भारत में सामान्य से ज्यादा मौसमी बारिश और कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. विभाग ने कहा कि अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है और तभी ला नीना की स्थिति बनेगी. हालांकि आईएमडी के वैज्ञानिकों ने इस बारे में फिलहाल कोई पुख्ता भविष्यवाणी करने से परहेज किया है. गौरतलब है कि पिछली बार ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बनी थी. इसके लिए सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी और सर्दियां जल्दी शुरू हो गई थीं, साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ी थी.

ला नीना कि स्थिति निर्मित हो सकती है
जुलाई महीने के अल नीनो दक्षिणी दोलन (Oscillation) बुलेटिन में आईएमडी पुणे ने कहा है कि वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ ईएनएसओ स्थितियां प्रभावी हैं. साथ ही मानसून मिशन कपल्ड फोरकास्टिंग सिस्टम का पूर्वानुमान बताता है कि तटस्थ ईएनएसओ स्थितियां जुलाई-सितंबर के मौसम तक बनी रह सकती हैं. फिर अगस्त से अक्टूबर के बीच भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तापमान के ठंडा होने की संभावना बन रही है, जिससे ला नीना की स्थिति निर्मित होगी.

सितंबर से नवंबर के बीच बनने की संभावना
नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फेरिक प्रशासन के क्लाइमेट प्रिडिक्शन सेंटर ने 8 जुलाई को कहा था कि ला नीना की स्थिति सितंबर से नवंबर के बीच बनने की संभावना है, जोकि 2021-22 की सर्दियों के दौरान प्रभावी रहेगी. सर्दी का मौसम आमतौर पर नवंबर से जनवरी के बीच होता है. आईएमडी के क्लाइमेट मॉनिटरिंग एंड प्रिडिक्शन ग्रुप के हेड ओपी श्रीजीत ने कहा, 'हमारा मॉडल सितंबर से ला नीना की उच्च संभावना को दर्शाता है. यह दक्षिण पश्चिम मानसून के चलते हुई अच्छी बारिश से जुड़ा है. साथ ही बारिश के चलते बादल होने से सामान्य तापमान नीचे रहने की संभावना है. लेकिन, अभी हम ये नहीं बता सकते कि इसके चलते अगस्त और सितंबर में मानसून की स्थिति पर क्या असर पड़ेगा.'

साइक्लोन पर भी पड़ रहा है असर
उन्होंने कहा कि आईएमडी जल्द ही अगस्त के लिए मानसून की स्थिति को लेकर भविष्यवाणी करेगा. प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर पूर्वोत्तर मानसून पर ला नीना का नकारात्मक प्रभाव रहा है. आईएमडी ने इसकी निगरानी करने की जरूरत पर बल दिया है. आईएमडी क्लाइमेट रिसर्च और सर्विसेज के हेड डीएस पई के मुताबिक ला नीना की स्थिति मानसून के अंत में निर्मित होगी, इसलिए बाढ़ जैसी स्थितियां बनने की संभावना बेहद कम है. उन्होंने कहा कि आसमान में बादल छाए रहने की वजह से ला नीना के सालों में हम सामान्य तौर पर ज्यादा ठंड का मौसम देखते हैं. गौरतलब है कि बहुत सारे अध्ययनों में यह कहा गया है कि ला नीना की वजह से बंगाल की खाड़ी में बनने वाले साइक्लोन की स्थिति पर इसका प्रभाव होता है. ला नीना के चलते साइक्लोन की स्थिति पश्चिम की ओर शिफ्ट हो जाती है.

HIGHLIGHTS

  • आईएमडी ने इसके लिए ला नीना को जिम्मेदार बताया
  • बंगाल की खाड़ी में बनने वाले साइक्लोन पर भी प्रभाव
imd heavy rain Climate Change September आईएमडी भारी बारिश La Nina ला नीना कड़ाके की ठंड Chilling Winter मौसम में बदलाव
Advertisment
Advertisment
Advertisment