1962 के युद्ध के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) अस्तित्व में आई, लेकिन जमीन पर अब तक उसकी हदबंदी नहीं हुई है. इसी कारण दोनों देशों की सरहद को लेकर अपनी-अपनी धारणाएं हैं. इसी के चलते कुछ इलाकों पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते हैं. मई से सितंबर के बीच हर साल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल वाले इलाकों में मौसम बेहतर रहता है. इसी दौरान दोनों देशों की सेना पेट्रोलिंग बढ़ा देती हैं. इसीलिए इस मौसम में दोनों देशों के बीच अधिक विवाद पैदा होते हैं. सर्दियों में भारत और चीन के बीच विवाद सबसे कम होते हैं.
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भारत और चीन सीमा पर 1967 से लेकर आज तक एक भी गोली नहीं चली है और जब भी झड़प या विवाद होते हैं तो दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर अपने स्तर पर इसे सुलझा लेते हैं.
भारत और चीन के बीच सरहद पर शांति बनाए रखने को लेकर तमाम एग्रीमेंट हुए हैं. इन्हीं एग्रीमेंट्स के आधार पर कई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर पर दोनों ओर से सहमति बनी है, ताकि विवाद न बढ़ें और जब हो तो कैसे सुलझाएं.
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नाथुला, बुमला, किबिथू और केपान्गला में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर्सनल मीटिंग होती है, जिनमें जो दिक्कतें और विवाद हैं वह सुलझाए जाते हैं. इन मीटिंग्स के बीच अगर कोई बात हो जाए तो उसके लिए फ्लैग मीटिंग कर सकते हैं.
Source : News Nation Bureau