लगभग नौ महीनों के गतिरोध के बाद अब LAC पर भारत-चीन के बीच सहमति बन गयी है और दोनों तरफ के सेना अब पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से पीछे हटने लगीं हैं. अब दोनों तरफ से LAC पर शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. चीनी सेना ने गुरुवार तक पैंगोंग झील के दक्षिण तट से 200 से अधिक मुख्य टैंकों को हटा लिया है और अपने सैनिकों को उत्तरी तट से श्रीजाप सेक्टर, फिंगर 8 तक फेरी करने के लिए 100 से कम भारी वाहनों को तैनात किया है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर कई तरह के भ्रामक न्यूज़ फैलाई जा रही है. रक्षा मंत्रालय ने इस भ्रामक खबरों के मद्देनजर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर पैंगोंग झील के दोनों तरफ की स्थिति स्पष्ट की है. रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान मे कहा है 'लद्दाख में चीन व भारत के बीच सेना पीछे हटाने के समझौते को लेकर उठ रहे सवालों के बीच रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह दावा कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक है, गलत है। भारत के क्षेत्र को भारत के नक्शे के अनुसार दर्शाया गया है और इसमें 1962 से चीन के अवैध कब्जे के तहत वर्तमान में 43,000 वर्ग किलोमीटर जमीन शामिल है। यहां तक कि भारतीय धारणा के अनुसार, LAC, फिंगर चार में नहीं है, वह फिंगर 8 में है।
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि डेपसांग से चीनी सेना अभी तक पीछे नहीं हटी है. ये साफ है कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत की पवित्र जमीन चीन को पकड़ा दी है. राहुल बोले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी ने चीन के सामने माथा टेक दिया है.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चीन के हर उकसावे के खिलाफ हमारी सेना ने उपयुक्त जवाबी कार्रवाई की थी. उन्होंने बताया कि पिछले सितंबर के बाद से दोनों पक्षों (भारत और चीन) ने सैन्य और राजनयिक माध्यम से एक दूसरे के साथ संचार बनाए रखा है. हमारा उद्देश्य LAC पर यथास्थिति को बरकरार रख शांति बहाल करना है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है.
Source : News Nation Bureau