वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की विभिन्न विवादित जगहों से तैनाती हटाने को लेकर भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधि शनिवार को दसवें दौर की वार्ता करेंगे. इस दौरान कमांडर्स हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी वाले डेपसांग मैदान जैसे टकराव वाली जगहों को लेकर बात करेंगे. यह बातचीत सुबह 10 बजे चीनी पक्ष के मोल्डो में शुरू होगी. डेपसांग को पिछले साल मई में शुरू हुए गतिरोध का हिस्सा नहीं माना जा रहा था. लेकिन भारत ने सैन्य कमांडर की हालिया बैठकों में जोर दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर सभी मुद्दों को हल किया जाना चाहिए.
एक अधिकारी ने कहा, "पहले गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के मामले को हल करने की कोशिश की जाएगी क्यों डेपसांग का मसला सुलझाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है और इसमें समय भी लग सकता है." इस बैठक में प्रतिनिधि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर विस्थापन की स्थिति की भी जांच करेंगे. वैसे पैंगोंग झील के दोनों किनारों पर विस्थापन की प्रक्रिया 20 फरवरी तक पूरी होने की उम्मीद है. 10 फरवरी को चीन ने घोषणा की थी कि नई दिल्ली और बीजिंग पैंगोंग झील से हटने के लिए तैयार हो गए हैं.
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ भारतीय सेना की टीम भी पैंगोंग झील में विस्थापन की जांच कर रहे हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "यह भारतीय सेना और चीनी पीएलए के अधिकारियों का संयुक्त निरीक्षण दल है."
समझौते में कहा गया है कि चीनी सैनिक फिर से फिंगर 8 में चले जाएंगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा पोस्ट को वापस ले लेगी. इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त करने समेत सभी सैन्य गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई जाएगी.
बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 10 महीने से गतिरोध जारी है. पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान भारत ने 20 सैनिकों को खो दिया था. चीन ने हताहत होने वाले अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई थी.
अब पहली बार शुक्रवार को चीन ने स्वीकार किया कि इस हिंसक झड़प में उन्होंने भी सैनिक खोए. चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने दावा किया है चीन ने पीएलए के 4 मारे गए सैनिकों को खोया है और झड़प में चीन का 1 सैनिक घायल भी हुआ था.
Source : IANS