लद्दाख (Ladakh) में हॉट स्प्रिंग से चीन-भारत की सेना (India-China Army) के जवान पीछे हट गए हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया के तहत अपने कदम पीछे किए हैं. वहीं, अगले हफ्ते पैंगोंग को लेकर सैन्य कमांडर स्तर की मीटिंग भी हो सकती है. सैन्य और राजनयिक स्तर पर जारी बातचीत की वजह से ही पूरी तरह से पीपी 15 पर डिसएंगेजमेंट हुआ है.
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इससे पहले गोगरा और गलवान क्षेत्र में भी डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. आपको बता दें कि पैंगोंग और हॉट स्प्रिंग ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर दोनों देश की सेनाएं आमने-सामने हैं. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इंडियन आर्मी पूरी तरह से सतर्क है, लेकिन अब हॉट स्प्रिंग से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई, लेकिन पैंगोंग पर अगले हफ्ते बातचीत हो सकती है.
Ongoing engagement&dialogue b/w India&China at military&diplomatic levels has resulted in complete disengagement at Patrolling Point 14, 15&17 A. Meeting b/w senior military commanders is expected in the coming week to further work out modalities of Pangong Tso lake area: Sources pic.twitter.com/uu8NhiGzrb
— ANI (@ANI) July 25, 2020
शुक्रवार को बनी सहमति
आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि शुक्रवार की बैठक के बाद दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि त्वरित ढंग से पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदम तय करने के वास्ते वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की एक और बैठक हो सकती है. दोनों देशों ने सीमा के मामलों पर विचार- विमर्श करने एवं समन्वय के कार्यकारी ढांचे के तहत आज ऑनलाइन माध्यम से हुई ताजा राजनयिक वार्ता के दौरान क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की. बैठक करीब तीन घंटे तक चली. दोनों देशों की यह बैठक ऐसे समय हुई, जब इस तरह की खबरें आ रही थी कि पीछे हटने की प्रक्रिया आगे की ओर नहीं बढ़ पा रही है, जैसा कि 14 जुलाई की कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की वार्ता के बाद उम्मीद की जा रही थी.
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भारत ने अपनाया कड़ा रुख
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि वार्ता के दौरान भारत ने चीनी पक्ष को ठोस संदेश दिया कि उसे कोर कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता में तय हुई सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का पालन करना होगा. बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीमा मुद्दे पर गंभीर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा अपने-अपने सैनिकों को वापस बुलाने की दिशा में सकारात्मक प्रगति हुई है. भारत में विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर कुछ नहीं कहा.
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘इन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटना और भारत चीन सीमा पर तनाव समाप्त करना तथा शांति स्थापित करना द्विपक्षीय संबंधों का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है.’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने कहा कि यह पांच जुलाई को दो विशेष प्रतिनिधियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप है.
Source : News Nation Bureau