सिंघू बॉर्डर पर पहुंचे लखबीर सिंह के परिजन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ताओं के साथ लखबीर सिंह का परिवार भी मौजूद है. ये सब सिंघू बॉर्डर पर धरना और हवन करना चाहते हैं

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Pradeep Singh
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Singhu Border( Photo Credit : News Nation)

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सिंघू बॉर्डर पर बुधवार को उस भारी बवाल देखने को मिला, जब लखबीर सिंह के परिवार को मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ता सिंघू बॉर्डर के पास पहुंच गये. धरनारत किसानों और लखबीर समर्थकों के बीच भिड़ंत की आशंका के बीच  प्रशासन ने धरनस्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया है. सूचना के मुताबिक यूपी और उत्तराखंड से  भारी संख्या में किसान सिंघु  बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं. किसानों को नरेला पर रोक दिया गया है. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए किसानों को आगे जाने की इजाजत नहीं दी है.

हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ताओं के साथ लखबीर सिंह का परिवार भी मौजूद है. ये सब सिंघू बॉर्डर पर धरना और हवन करना चाहते हैं.फिलहाल पुलिस ने इन्हें नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में रोका हुआ है. पुलिस-प्रशासन ने भारी सुरक्षा इंतजाम हैं.

कुछ दिन पहले निहंगों ने बड़ी ही बेरहमी से लखबीर सिंह की हत्या कर दी थी. उसके हाथ-पैर भी काट दिए गए थे. मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अभी भी ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. इसी कड़ी में अब यूपी-उत्तराखंड के किसान लखबीर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. वे सिंघु पर जा अपनी आवाज बुलंद करना चाहते हैं. 

लेकिन पुलिस को चिंता है कि दूसरे किसानों का यूं सिंघु बॉर्डर पर पहुंचना टकराव को और ज्यादा बढ़ा सकता है. कई महीनों से किसान सिंघु बॉर्डर पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में अब दूसरे राज्यों के किसानों का वहां पहुंचना स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर सकता है. ऐसे में अभी के लिए पुलिस ने यूपी-उत्तराखंड से आ रहे किसानों को नरेला पर रोक दिया है. लाठीचार्ज हुआ है, लेकिन पुलिस कह रही है कि स्थिति अब काबू में है.

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लखबीर केस की बात करें तो पुलिस ने दो निहंगों को तो गिरफ्तार कर लिया था, वहीं दो ने सरेंडर कर दिया था. ऐसे में कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन इस मामले को लेकर अभी भी विवाद जारी है. एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत इसे केंद्र की एक साजिश बता रहे हैं तो वहीं सरकार भी किसान आंदोलन को 'हिंसक' बता रही है. वैसे लखबीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है. 

बताया गया है कि लखबीर के शरीर पर 36 चोट के निशान थे, उसे काफी बेरहमी से पीटा गया था. अभी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस विवाद से पूरी तरह दूर रखा है. वे निहंगों को भी अपने किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं मान रहे हैं. लेकिन लखबीर के न्याय के लिए चुनावी रण बने उत्तराखंड और यूपी से किसान आना शुरू हो गए हैं.

HIGHLIGHTS

  • लखबीर सिंह के परिवार को मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग
  • हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ताओं के साथ लखबीर सिंह का परिवार भी मौजूद
  • लखबीर के शरीर पर 36 चोट के निशान थे, उसे काफी बेरहमी से पीटा गया था
sikh Lakhbir Singh's family reached Singhu border police lathi-charged Nihang
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