यूपी के लखीमपुर खीरी में अक्टूबर में हुई हिंसा को लेकर जांच की निगरानी के लिए हाईकोर्ट के पूर्व जज का नाम सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है. इस घटना की जांच की निगरानी उच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को सौंपा है। इसके अलावा यूपी सरकार की ओर से गठित एसआईटी टीम में तीन आईपीएस अफसरों को भी जोड़ा गया है. अदालत ने कहा कि वह इस मामले की अगली सुनवाई चार्जशीट दाखिल किए जाने और जस्टिस जैन की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही करेगा.
जांच कराने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को एक हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस राकेश कुमार जैन, रंजीत सिंह के नाम भी सुझाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी एसआईटी में शामिल करने को कहा था. बुधवार को इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को जगह दी। इनमें एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान का नाम शामिल है.
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नियुक्ति पर सहमत हो गई थी यूपी सरकार
पिछली सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार मामले की जांच की निगरानी को लेकर राज्य के बाहर एक पूर्व उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति पर सहमत हो गई थी. राज्य सरकार की ओर से हरीश साल्वे ने अदालत में कहा कि किसी भी हाईकोर्ट के जज को नियुक्त करा जाना चाहिए. इसपर शीर्ष कोर्ट ने सहमति जताई थी.
लखीमपुर खीरी कांड: क्या है पूरा मामला
लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शन के दौरान उन पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई. इस हिंसा में कुल आठ लोग मारे गए. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया. बाद में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था.
HIGHLIGHTS
- अक्टूबर में हुई हिंसा को लेकर जांच की निगरानी के लिए पूर्व जज का नाम तय किया
- यूपी सरकार की ओर से गठित एसआईटी टीम में तीन आईपीएस अफसरों को भी जोड़ा गया
Source : News Nation Bureau